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राहु का राक्षसी रूप इन राशि वालों की जिंदगी कर देगा बर्बाद, 8 दिन बाद शुरू होंगे बुरे दिन, कदम-कदम पर होगा खतरा

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12 अप्रैल 2022 दिन मंगलवार को परम प्रभावकारी छाया ग्रह राहु का परिवर्तन शुक्र के राशि वृष से मेष में होने जा रहा है। साल 2022 में राहु मेष राशि में ही रहकर चराचर जगत सहित प्रत्येक प्राणी पर अपना प्रभाव स्थापित करेंगे। राहु वृष राशि अथवा लग्न वालों के लिए वर्ष भर द्वादश भाव में गोचर करेंगे। राहु छाया ग्रह है और जिस राशि में गोचरीय संचारण करते हैं उसी के अनुसार फल भी प्रदान करते हैं। द्वादश भाव में गोचर कर रहे राहु अचानक खर्च में वृद्धि करेंगे। साथ ही  इस गोचरीय परिवर्तन के साथ ही अर्थात वर्ष 2022 में वृष राशि अथवा वृष लग्न वालों के लिए अचानक खर्च वृद्धि के आसार बन रहे है।

राहु की पंचम दृष्टि चतुर्थ भाव पर होगी ऐसे में गृह एवं वाहन को लेकर के तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकता है। वाहन आदि पर खर्च हो सकता है ।कंस्ट्रक्शन गृह निर्माण को लेकर अचानक खर्च वृद्धि की स्थिति उत्पन्न होगी। माता के स्वास्थ्य की चिंता भी बढ़ सकती है। इस समय घबराहट, सीने की तकलीफ कफ़, सर्दी, खांसी, एलर्जी के कारण तनाव उत्पन्न होता रहेगा।

राहु की अगली दृष्टि अर्थात सप्तम दृष्टि रोग, शत्रु एवं कर्ज के भाव पर होने से अति घनिष्ठ व्यक्ति द्वारा तनाव उत्पन्न किया जा सकता है। परंतु आसानी से समस्या का हल ढूंढ पाने में सफलता भी प्राप्त होगी एवं शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगा। प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता की स्थिति बनेगी।

राहु की नवम दृष्टि अष्टम भाव पर होगी ऐसी स्थिति में पेट और पैर की समस्या के कारण वर्ष भारत तनाव होता रहेगा। पेट की आंतरिक समस्या में पेशाब संबंधी समस्याएं, लीवर की समस्याएं, किडनी की समस्याएं, एलर्जी एवं इंफेक्शन की समस्या तनाव तथा खर्च बढ़ा रह सकता है।

राहु का गोचरीय परिवर्तन वर्ष 2022 में वृष राशि अथवा वृष लग्न वालों के लिए अनुकूल पद नहीं है। खर्च की दृष्टि से और स्वास्थ्य की दृष्टि से यह समय प्रतिकूल बना रहेगा। वर्ष 2022 में वाहन आदि को चलाते समय विशेष तौर पर सतर्कता बरतें।

आखिर में राहु की शांति के लिए उपाय अत्यावश्यक हो जाता है। वैसे तो मूल कुंडली में राहु के स्थिति के अनुसार ही उपाय किया जाना विशेष लाभप्रद साबित होगा फिर भी सामान्य तौर पर प्रत्येक अमावस्या को पांच सूखा नारियल बहते गंदे जल में प्रवाहित करते रहें। समय-समय पर भैरव महाराज का दर्शन करते रहें। भगवती का उपासना एवं दर्शन पूजा राहु के नकारात्मक फलों में कमी कराएगा।