हिंदू धर्म में चावल का अपना अलग महत्व है। चावल को 'अक्षत' कहा जाता है और अक्षत के बिना पूजा-पाठ हमेशा अधूरी मानी जाती है। अगर पूजा में किसी सामग्री की कमी हो तो उस सामग्री का ध्यान करते हुए अक्षत चढ़ाया जा सकता है। यही अक्षत आपके घर में सुख-समृद्धि लाते है। अक्षत हर देवी-देवता पर चढ़ाया जाता है। अक्षत यानी चावल के महज 5 दाने ही आपको मालामाल कर सकते है। दरअसल, वास्तु शास्त्र में कई ऐसे उपाय बताए गए है, जिसके जरिए आप धनवान बन सकते है। आखिर क्या है ये उपाय, चलिए आपको बताते है-
अक्षत को पूर्णता का प्रतीक माना गया है। इसलिए खंडित चावल किसी भी स्थिति में नहीं चढ़ाना चाहिए। भगावन की पूजा में इस्तेमाल किए जाने वाले सभी अक्षत अखंडित होना चाहिए। रोजाना चावल के 5 दाने चढ़ाने धन में वृद्धि होती है।
शिवलिंग पर चावल अर्पित करने से भगवान शिव बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं। इसके अलावा शिव को साफ और बिना टूटे चावल चढ़ाना चाहिए। मान्यता है कि भगवान शिव भक्तों को अखंडित की तरह अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद देते हैं। साथ ही मान-सम्मान, पद और प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है।
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घर में मां अन्नपूर्णा को चावल की ढेर पर स्थापित करना चाहिए। कहते हैं कि इससे घर में धन और वैभव की कमी नहीं होती है।
अन्न में अक्षत को सबसे उत्तम माना गया है। साथ ही इसे देवताओं का अन्न ही कहा जाता है, जो इंसान अक्षत को कुमकुम के साथ मिलाकर भगवान को चढ़ाता है, उसकी पूजा स्वीकार की जाती है और भगवान का अखंड आशीर्वीद मिलता है।
पूजा में अक्षत इसलिए चढ़ाया जाता है ताकि पूजा अक्षत की तरह पूरी हो सके। अन्न में श्रेष्ठ होने के कारण इसे भगवान को चढ़ाते वक्त मन यही भाव आना चाहिए कि जो कुछ भी मिल रहा है वो भगवान की कृपा से ही संभव हुआ है।
शुक्ल पक्ष या माह की किसी भी चतुर्थी को केवल 5 दाने चावल शिव को चढ़ाने से उतना ही फल मिलता जितना एक मुट्ठी चावल चढ़ाने से लाभ मिलता है। भगवान शिव को केवल 5 दाने चावल अर्पित करने से धन से जुड़ी हर समस्या का हल मिलता है।