आज संकष्टी चतुर्थी व्रत हैं। अश्विनी कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष के चौथे दिन संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत रखा जाता है। मान्यता है इस दिन गणेश जी का पूजन विधि विधान से किया जाए और व्रत रखा जाए तो हर प्रकार के संकट से मिलती है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। संकष्टी के दिन गणपति की पूजा करने से घर से नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं और शांति बनी रहती है। ऐसा कहा जाता है कि गणेश जी घर में आ रही सारी विपदाओं को दूर करते हैं और व्यक्ति की मनोकामनाओं को पूरा करते हैं। चलिए आपको बताते हैं कि संकष्टी चतुर्थी व्रत का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और कथा-
संकष्टी चतुर्थी व्रत का शुभ मुहूर्त
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ: 24 सितंबर सुबह 8 बजकर 30 मिनट से
चतुर्थी तिथि समाप्त: 25 सितंबर सुबह 10 बजकर 36 मिनट तक
संकष्टी चतुर्थी व्रत पूजा विधि
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों ने निवृत्त होकर स्नान करें। इसके बाद गणपति का ध्यान करते हुए एक चौकी पर साफ पीले रंग का कपड़ा बिछाएं और भगवान गणेश की मूर्ति रखें। अब गंगाजल छिड़कें और पूरे स्थान को पवित्र करें। इसके बाद गणपति को फूल की मदद से जल अर्पण करें। इसके बाद रोली, अक्षत और चांदी की वर्क लगाएं। अब लाल रंग का पुष्प, जनेऊ, दूब, पान में सुपारी, लौंग, इलायची चढ़ाएं। इसके बाद नारियल और भोग में मोदक अर्पित करें।
गणेश जी को दक्षिणा अर्पित कर उन्हें 21 लड्डूओं का भोग लगाएं। सभी सामग्री चढ़ाने के बाद धूप, दीप और अगरबत्ती से भगवान गणेश की आरती करें। शाम के समय चांद के निकलने से पहले गणपति की पूजा करें और संकष्टी व्रत कथा का पाठ करें। पूजा समाप्त होने के बाद प्रसाद बाटें। रात को चांद देखने के बाद व्रत खोला जाता है और इस प्रकार संकष्टी चतुर्थी का व्रत पूर्ण होता है।
संकष्टी चतुर्थी व्रत पर इस मंत्र का जाप करें
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी पर करें ये उपाय
बिजनेस के लिए भगवान श्री गणेश की विधि-पूर्वक पूजा के समय थोड़े से अक्षत लेकर श्री गणेश को तीन बार में अर्पित करें और हर बार श्री गणेश को अक्षत अर्पित करते समय 'श्री गणेशाय नमः' बोलें।
अगर आप अपने समस्त कार्यों को सफलता पूर्वक पूरा करना चाहते है तो स्नान आदि के बाद श्री गणेश भगवान को पुष्प अर्पित करें और उनके 12 नामों का 21 बार जप करें।
अगर आप अपने दाम्पत्य जीवन में खुशहाली भरना चाहते है तो दुर्वा से बने गणेश जी की विधि-पूर्वक पूजा करें और लाल या पीले रंग के कपड़े से ढक्कर किसी मन्दिर में रख आएं।
अगर आप अपने घर की सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी करना चाहते है तो श्री गणेश भगवान की धूप-दीप आदि से पूजा करने के बाद उनके इस मंत्र का जाप करें। मंत्र इस प्रकार है- ऊँ गँ गणपतये नमः
अगर आपके ऊपर दूसरों की उधारी बहुत अधिक बढ़ गई है और अब आपसे चुकाई नहीं जा रही है तो आप श्री गणेश भगवान की पूजा करें और पूजा के बाद उनके ऋणमोचन मंगल स्तोत्र का पाठ करें।