आज सर्वपितृ अमावस्या हैं। सर्व पितृ अमावस्या को पितृ पक्ष के विसर्जन का दिन माना जाता है। अगर आपको पितरों की पुण्यतिथि याद नहीं हैं, तो आप इस दिन अपने पितरों की श्राद्ध विधि पूर्वक कर सकते हैं। इसके अलावा, आज आप अपने घर से पितृ दोष भी दूर कर सकते हैं। इस दिन पितृ दोष को दूर करने के लिए कई उपाय किए जाते हैं। मान्यता है कि इस दिन श्राद्ध किए जाने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। चलिए आपको तर्पण का समय, श्राद्ध का विधि और पितृ अमावस्या का महत्व समेत कई बातें बताते हैं।
तर्पण का समय
अमावस्या की तिथि 5 अक्टूबर 2021 शाम 07 बजकर 04 मिनट से शुरु हो चुकी हैं।
अमावस्या की तिथि का समापन 6 अक्टूबर 2021 शाम 04 बजकर 34 मिनट पर होगा।
सर्व पितृ अमावस्या पर खास योग
इस बार सर्व पितृ अमावस्या पर गजछाया योग बन रहा है। इससे पहले ये योग 11 वर्ष पहले यानी साल 2010 में बना था। आज के दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों ही सूर्योदय से लेकर शाम 04:30 बजे तक हस्त नक्षत्र में होंगे। यह स्थिति गजछाया योग बनाती है। धर्म-शास्त्रों के मुताबिक, इस योग में श्राद्ध करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और कर्ज से मुक्ति मिलती है। साथ ही घर में सुख-समृद्धि आती है।
सर्वपितृ अमावस्या पर ऐसे करें श्राद्ध
सर्व पितृ अमावस्या पर दक्षिण की ओर मुख करके बैठें।
फिर पानी में काला तिल और सफेद फूल डालकर पितरों का तर्पण
इसके बाद आकाश की ओर हाथ उठाकर सभी पितरों को प्रणाम करें।
फिर ब्राह्मण भोजन कराएं और भोजन का कुछ भाग कौआ, कुत्ता आदि को दे दें।
शाम को घर के बाहर दीपक जलाएं और पितरों को खुशीपूर्वक विदा करें।
इन बातों का रखें खास ख्याल
श्राद्ध का भोजन पूरी शुद्धता से बनाएं और उसमें प्याज और लहसुन का इस्तेमाल न करें।
श्राद्ध हमेशा सुबह या दोपहर चढ़ने से पहले ही कर लेना चाहिए। दोपहर के बाद नहीं करना चाहिए।
श्राद्ध का भोजन जब भी ब्राह्मणों को खिलाएं तो दोनों हाथों से परोसें।
जो सब्जियां जमीन के अंदर से उगती हैं उन्हें ब्राह्मणों को नहीं खिलाना चाहिए।
श्राद्ध पक्ष में पितरों के निमित्त जो भी शुभ काम किए जाते हैं, उससे उन्हें तृप्ति मिलती है।