कहते है शनि देव की दृष्टि से मनुष्य तो क्या देवता भी नहीं बच पाए हैं। इसलिए जरूरी है शनि देव को प्रसन्न रखना। शनि देव की कृपा अगर बनी रहेगी तो हर मुश्किल आसानी से पार हो जाएगी। शनि देव जब अशुभ फल देने पर आते हैं तो व्यक्ति के जीवन में संकटों का अंबार लग जाता है। हर तरह से व्यक्ति बाधा और परेशानियों से घिर जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, 18 फरवरी 2022 को शनि नक्षत्र परिवर्तन करने जा रहे हैं। शनि अब धनिष्ठा नक्षत्र में प्रवेश करने जा रहे हैं। धनिष्ठा नक्षत्र में शनि देव 15 फरवरी 2023 तक रहेगें।
12 फरवरी 2022 को पंचांग के अनुसार माघ शुक्ल की एकादशी तिथि है। इस एकादशी तिथि को जया एकादशी भी कहा जाता है। इस बार शनिवार के दिन एकादशी की तिथि पड़ने के कारण शनि देव की पूजा का उत्तम संयोग बना हुआ है। इन राशियों पर शनि की विशेष दृष्टि है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वर्तमान समय में 5 राशियों पर शनि की विशेष दृष्टि है। मिथुन राशि और तुला राशि पर शनि की ढैय्या और धनु राशि, मकर राशि और कुंभ राशि पर शनि की साढ़े साती चल रही है। इसलिए इन राशि वालों को विशेष सावधानी बरतने की जरुरत है। शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करने और दान करने से विशेष राहत मिलेगी
शनिवार के दिन करें ये कार्य
जिन लोगों पर शनि की साढ़े साती और ढैय्या चल रही है उनके लिए शनिवार का दिन विशेष है। इस दिन शनि देव को सरसों का तेल चढ़ाएं और शनि देव से जुड़ी चीजों का दान करें। इससे साढ़े साती और ढैय्या के अशुभ प्रभाव कम होंगे।