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शनि देव इन तीन राशियों के हुए मेहरबान, सभी गलतियो को करेंगे माफ, जुलाई माह तक नहीं होने देंगे धन की कमी

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शनि गृह अपनी दिशा परिवर्तित करने जा रहे हैं। ऐसे में शनि का राशि परिवर्तन सभी राशियों पर अलग अलग प्रभाव डालेगा। इसी बीच 3 ऐसी राशियां हैं जिनपर शनि की कृपा बरसने वाली है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, इन 3 राशि के जातकों के जीवन में जल्द ही धन की वृद्धि होगी और सभी प्रकार के आर्थिक संकटों से इन्हें छुटकारा मिल जाएगा। 29 अप्रैल को शनि देव कुंभ राशि में मार्गी अवस्था में प्रवेश करेंगे और 4 जून तक इस स्थिति में रहेंगे। इसके बाद 4 जून से वक्री गति से गोचर करते हुए कुंभ राशि में गोचर करेंगे और 12 जुलाई को मकर राशि में वक्री स्थिति में प्रवेश करेंगे, जिसका सीधा प्रभाव कई रशियों के जीवन पर देखने को मिलेगा।

कर्क- कर्क राशि में शनि लग्न की राशि में 7वें और 8वें कारक होकर आठवें भाव में प्रवेश करेंगे। इसी के परिणामस्वरूप रोजगार में सफलता मिलेगी। इसके साथ ही दैनिक आय में वृद्धि होगी। कर्क राशि के जातकों को पुराने रोगों से मुक्ति मिलेगी। जीवनसाथी को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हो सकती है। इससे आपको उनकी चिंता रहेगी। वहीं, प्रेम संबंधों में तनाव हो सकता है। इस दौरान बिजनेस में लेन-देन को लेकर सतर्क रहने की आवश्यकता है। संतान की शिक्षा और प्रगति को लेकर मन अप्रसन्न रहेगा। शनि देव कर्क राशि के जातकों के लिए परेशानियां खड़ी कर सकते हैं।

सिंह- शनि के राशि परिवर्तन के बाद सिंह लग्न की राशि में शनि देव 7वें भाव में प्रवेश करेंगे। ज्योतिष अनुसार सप्तम भाव ऋण, शत्रु और दांपत्य जीवन का कारक माना जाता है। शनि देव की दृष्टि लग्न भाव में रहने के कारण पिता से मतभेद हो सकते हैं। वहीं, मां की सेहत को लेकर चिंता बनी रहेगी। मानसिक चिंता की स्थिति बनी रहेगी। दैनिक आय में वृद्धि होने की संभावना है। किसी के साथ साझेदारी का काम खूब फबेगा और आर्थिक लाभ की संभावना है। इतना ही नहीं, वैवाहिक जीवन में खुशहाली बनी रहेगी। प्रेम संबंधो में मधुरता आएगी।

कन्या- कन्या लग्न की राशि के 5वें भाव में शनि का प्रवेश होगा। ज्योतिष के अनुसार पंचम भाव विद्धा, संतान, बौधिक क्षमता का कारक माना जाता है। साथ ही रोग, शत्रु और कर्ज का भी कारक माना गया है। शनि का ये राशि परिवर्तन जातक के लिए समस्या खड़ी कर सकता है। जातक को पैरों से जुड़ी समस्या हो सकती है। आंखों से जुड़ी समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है। खर्च में वृद्धि होगी। भाई-बहनों में टकराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।