ज्योतिष शास्त्र में शनि को महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है। शनि को अपना राशि चक्र पूरा करने में करीब 30 साल समय लगता है। इस समय शनि मकर राशि में गोचर कर रहे हैं। 24 जनवरी 2022 को शनि ने इस राशि में प्रवेश किया था और 29 अप्रैल 2022 में ये अवधि समाप्त होने जा रहे हैं और शनि इस दिन अपनी राशि कुंभ में ही फिर से प्रवेश करेंगे। इसका प्रभाव कई राशि के जातकों के जीवन पर देखने को मिलेगा। 22 साल बाद शनि की साढ़े साती शुरु होने जा रही है। चलिए आपको बता हैं कि शनि का प्रकोप किस पर पड़ेगा?
22 साल बाद मीन राशि के जातकों पर शनि की साढ़े साती शुरू होने जा रही है। शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करते ही मीन राशि पर साढ़े साती का प्रभाव देखने को मिलेगा। मीन राशि का स्वामी ग्रह बृहस्पति ग्रह है। गुरु का संबंध शनि से सामान्य है। ये दोनों ग्रह न दोस्त हैं और न दुश्मन इसलिए मीन राशि पर शनि की साढ़े साती का बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा।
शनि के कुंभ राशि में परिवर्तन से धनु राशि वाले जातकों को शनि की साढ़े साती से मुक्ति मिल जाएगी। वहीं, मकर राशि के जातकों का आखिरी चरण शुरू होगा, तो कुंभ वालों पर दूसरा चरण। बता दें कि शनि साढ़े साती तीन चरणों में होती है, इसमें पहला चरण उदय चरण, दसूरा शिखर और तीसरा तरण अस्त चरण कहते हैं।
शनि के राशि परिवर्तन से कई राशियों पर इसका प्रभाव देखने को मिलता है। कुछ राशियों पर शनि की साढ़े साती और कुछ पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाती है। इस समय मिथुन और तुला राशि के जातकों पर शनि ढैय्या चल रही है। शनि के कुंभ राशि में गोचर शुरू होते ही कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी।