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Bhootonwala Mandir लाल मंदिर, जिसे भूतों ने बनाया! पढिए इससे जुड़ी रोचक कहानियां।

मेरठ में स्थित Bhootonwala Mandir

भारतवर्ष में या फिर भारत से बाहर हिन्दू धर्मावलम्बियों के मंदिरों के बारे में आप कई कहानियां पढ़े होंगे। कई मंदिरों को इंसानों ने बनाया तो कई ऐसे मंदिर भी हैं,जिनके बारे में बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण देवताओं के द्वारा किया गया। लेकिन क्या आप जानते हैं एक ऐसे मंदिर के बारे में जिसके निर्माण में न तो इंसान,औऱ न ही देवताओं का योगदान था,बल्कि इस मंदिर के निर्माण में भूतों का योगदान रहा। जानते हैं भूतों वाला मंदिर (Bhootonwala Mandir) के बारे में ।

Bhootonwala Mandir हिन्दुस्ताम में भगवान शिव शंकर भोलेनाथ को समर्पित कई चमत्कारी मंदिरों के बारे में आप जानते होंगे। आप द्वादश ज्योतिर्लिंग के बारे में भी जानते होंगे, ऐसे शिव मंदिरों का उल्लेख शास्त्रों में किया गया है। लेकिन क्या आप उस शिव मंदिर के बारे में जानते हैं जिसका निर्माण भूतों के द्वारा किया गया था।

इस शिव मंदिर का निर्माण भूतों ने एक रात में किया था ।

Bhootonwala Mandir: भारतवर्ष में भगवान शिव के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं,और इन मंदिरों से जुड़ी कई रोचक कहानियां भी प्रचलित हैं। शास्त्रों में भी भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंग वाले मंदिरों के साथ-साथ कई मंदिरों का उल्लेख किया गया है। कहा जाता है कि कुछ ऐसे मंदिर भी हैं, जिनकी स्थापना देवताओं द्वारा की गई थी। कुछ ऐसे मंदिर है जिसका निर्माण इंसानों के द्वारा की गई,लेकिन एक भगवान शिव का एक ऐसा मंदिर है जिसका निर्माण न तो देवता ने कराया न ही इंसान ने इस मंदिर का निर्माण भूतों ने किया था। वो भी एक रात में । यह मंदिर है मेरठ का लाल मंदिर।

उत्तर प्रदेश में मेरठ जिले के सिम्भावली के दातियाना गांव में एक ऐसा शिव मंदिर है जिसके बारे में कहा जाता है कि यह मंदिर बहुत ही प्राचीन मंदिरों में से है।मेरठ का यह मंदिर जिसे भूतोंवाला मंदिर या लाल मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर से जुड़ी एक एक मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण भूतों ने एक रात में किया था।

बताया जाता है कि इस मंदिर के निर्माण में सिर्फ लाल ईंटों का इस्तेमाल किया गया,साथ ही इसके निर्माण में सीमेंट औऱ लोहे का प्रयोग नहीं किया गया है। जानकारों का कहना है कि इस मंदिर का निर्माण हजारों साल पहले किया गया था,इस दौरान कई प्राकृतिक आपदाएं आई,लेकिन मंदिर जस का तस अपनी जगह पर विद्यमान है।

भूतों ने रात भर में किया मंदिर का निर्माण

यहां के रहने वाले बुजूर्गों का कहना है कि इस मंदिर का निर्माण भूतों ने एक रात में किया था। सूर्योदय तक इस मंदिर के शिखर का निर्माण नहीं हो पाया लिहाजा भूत सुबह होते ही यहां से गायब हो गए। बाद में इस मंदिर के शिखर का निर्माण राजा नैन सिंह ने कराया।

इसके निर्माण को लेकर इतिहासकारों की अलग राय

मान्यता है कि इस मंदिर में श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाओं को भगवान शिव पूर्ण करते हैं। और यही कारण है कि यहां दूर-दूर से श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन के लिए आते हैं।जबकि इतिहासकार मंदिर निर्माण को लेकर अलग मत रखते हैं। इतिहासकारों की माने तो इस मंदिर का निर्माण भूतों ने नहीं बल्कि इसका निर्माण गुप्त काल में किया गया था।

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Disclaimer:इस कहानी में वर्णित सभी जानकारियां और उसकी सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। इसे विभिन्न माध्यमों से लिया गया है और आप तक जानकारियां पहुंचाई गई है।लिहाजा इसके उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की होगी।