आखिर कांग्रेस क्या चाहती है? क्या कांग्रेस देश की संवैधानिक संस्था और व्यवस्थाओं को धता बताकर पीएम मोदी से अपने आक्रोश का बदला लेना चाहती है? यहां कांग्रेस से अभिप्रायः कांग्रेस खानदान के लोग सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से है। भटिण्डा से फिरोजपुर जाने से पहले पंजाब के मुख्य सचिव और डीजीपी ने प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा एजेंसी को भरोसा दिया कि वीआईपी का रूट क्लियर है।
प्रधानमंत्री मोदी की रैली स्थल से मात्र 30 किलोमीटर पहले हुसैनीवाला फ्लाई ओवर को भीड़ ने ब्लॉक कर रखा था। घटना की जानकारी राहुल-प्रियंका के पियादे मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को दी गई तो उन्होंने कुछ भी करने से इंकार कर दिया। यहां सवाल यह उठता है कि क्या पीएम मोदी के काफिले को घेरकर हमला करवाने की साजिश थी और क्या इस साजिश में कांग्रेस खानदान और उनका पियादा मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी शामिल रहा?
पीएम मोदी पर हमले की साजिश की आशंका इस बात से भी पुख्ता होती है क्यों कि प्रधानमंत्री मोदी के काफिले को खास तौर पर फ्लाई ओवर पर रोका गया। वो इसलिए कि हमले की स्थिति में पीएम काफिले की गाड़ियां न आगे बढ़ पाएं और न पीछे लौट सकें। इसके बाद की भयाभयता को तो सोचकर भी रौंगटे खड़े हो रहे हैं। दुर्भाग्यवश पीएम मोदी के साथ कोई दुर्घटना हो जाती तो पंजाब ही नहीं पूरा देश अराजकता की आग से झुलसने लगता। उसका दोषी कौन होता? क्या कांग्रेस खानदान उस नुकसान की भरपाई कर सकता था?
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सौभाग्य की बात यह है कि पीएम मोदी 20 मिनट तक सुरक्षाकर्मियों के साथ फ्लाई ओवर के साथ खड़े रहे और जब यह स्पष्ट हो गया कि इस घटना में कांग्रेस खानदान और पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का हाथ है तो वो वापस लौट आए। ध्यान रहे, कृषि कानून वापस लेने के बाद पीएम मोदी पहली बार पंजाब जा रहे थे। पंजाब के लोगों को कई सौ करोड़ की सौगात लेकर गए थे। पहले पीएम मोदी को हेलिकॉप्टर से हुसैनीवाला जाना था, लेकिन मौसम की खराबी के कारण सड़क मार्ग से जाने का फैसला किया गया है। सड़कमार्ग पर जाने से पहले प्रधानमंत्री की सुरक्षा एजेंसी एसपीजी ने डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी से सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी मांगी गई। डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी ने एसपीजी को बताया था रूट क्लियर है। प्रधानमंत्री सुरक्षित गुजर सकते हैं।
इस घटना के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पंजाब के सीएम चन्नी की संलिप्तता की ओर इशारा भी किया है। एमएस सिरसा ने जो सवाल उठाए हैं वो वाकई चिंताजनक हैं। उन्होंने स्पष्ट आरोप लगाया है कि कुण्ठित कांग्रेस के शीर्ष नेता पीएम मोदी से सियासी बदला लेने के लिए पंजाबियों-सिखों को एक बार फिर 80 के दशक में धकेलने की साजिश कर रहे हैं।