दुनिया में उन्नत हथियार बनाने वाले देशो में भारत का नाम शुमार हो चुका है। भारत कुछ ऐसे हैरत अंगेज काम कर रहा है जिनकी भनक दुनिया को उनके परीक्षण के बाद भी मुश्किल से हासिल हो जाती है। जब दुनिया को पता चलता है कि इंडिया ने अजूबा कर दिया तो बड़ी-बड़ी ताकतों के मुंह और आंखें खुली की खुली रह जाती हैं। अभी 30 जून को पीएसएलवी-सी53/डीएस-ईओ अभियान के तीसरे दिन दुनिया को पता चला कि भारत ने अंतरिक्ष में वो कामयावी हासिल कर ली जिसको अभी तक चीन तो दूर नासा भी हासिल नहीं कर पाया है।
यह उपलब्धि तो इसरो की है। अब बात करते ही डीआरडीओ की। डीआरडीओ और एचएएल के सौजन्य से बने एलसीए Tejas MK-1A की सीक्रेट उड़ान से चीन-पाकिस्तान ही नहीं अच्छे-अच्छे देशों के पैरों तले जमीन खिसक गई है। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि Tejas MK-1A की सीक्रेट उड़ान की जानकारी किसी इंडियन मीडिया में नहीं बल्कि बुलगेरियन मीडिया में छपी है। Tejas MK-1A की सीक्रेट उड़ान की खबरें सामने आते ही चीन पाकिस्तान के तोते उड़ गए हैं तो हथियार बनाने वाले देशों की नींद उड़ गई है।
भारत के हल्के लड़ाकू विमान तेजस (light combat aircraft Tejas) ने कई देशों की नींद उड़ा दी है। तेजस दुनिया के कुछ गिने चुने हवाई जहाजों में से एक है, जिसे कार्बन फाइबर, टाइटेनियम और एल्यूमीनियम के विभिन्न मिश्रण जैसे सामग्री से बनाया जाता है। इसकी बाहरी संरचना 92 प्रतिशत से अधिक इस सामग्री से बनी है। अब भारतीय सेना को ताकत में और भी ज्यादा इजाफा होने जा रहा है। आसमानी ताकत में हो रहे इस इजाफे से चीन और पाकिस्तान सरकार के रातों की नींद उड़ सकती है। क्योंकि, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड यानि HAL स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस एमके-1ए की आपूर्ति 2023 से शुरू कर देगा। इसके बाद 2029 तक वायुसेना को पूरे 83 विमान मिल जाएंगे। इनमें 73 तेजस एमके-1ए लड़ाकू और 10 ट्रेनर विमान होंगे। इसी तरह पहले अनुबंधित किए गए 40 तेजस एमके-1 विमानों की भी आपूर्ति 2023 के मध्य तक पूरी की जाएगी।
दरअसल, भारतीय अधिकारियों ने घोषणा की है कि TEJAS MK-1A का पहला प्रोटोटाइप विमान ने गुप्त रूप से अपनी पहली उड़ान भरी है। भारतीय रक्षा मंत्रालय ने बताया कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) जहां इसे तैयार कर रहा है वहीं के इलाके में इसका सफल परिक्षण किया। HAL ने सबसे पहले विमान को सीरियल प्रोडक्शन नंबर SP-25 से Mk1A स्तर पर अपग्रेड किया जो तेजस Mk1 के स्तर पर था। अगले महीने में ये परीक्षण से गुजरेगा। इसमें देखा जाएगा की क्या-क्या चेंजेज किया जाना है। जैसे ही TEJAS MK-1A का परीक्षण पूरा होगा उसके बाद इसकी मार्च 2024 से डिलीवरी शुरू हो जाएगी और 2029 तक भारतीय वायुसेना को ऑर्डर किए गए 83 विमानों की डिलीवरी पूरी हो जाएगी।
एडवांस टेक्नोलॉसी से लैस होगा MK-1A तेजस
ये कई सारी आत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस है। MK-1A इजरायली Elta EL/M-2052AESA रडार या फिर भारतीय उत्तम AESA रडार से लैस होगा इसका साथ ही इसमें कई सारी ऐसी टेक्नोलॉजी दी गई हैं जो दुश्मनों पर भारी पड़ेंगी। MK-1A का वजन MK-1 की तुलना में कम होगा। एमके-1 की तुलना में किए गए सबसे महत्वपूर्ण परिवर्तनों में से एक यह है कि भारतीय निर्मित एस्ट्रा 1 और एस्ट्रा -2 विजुअल रेंज एयर-एयर मिसाइलों से परे हैं। (AAM) MK-1A में इस्तेमाल किया जाएगा। वर्तमान में, केवल MK-1FOCs ही डर्बी ओवरसाइट एयर-एयर मिसाइलों को फायर कर सकती हैं।
इधर एक और खबर है कि, भारत ने तेजस विमान के निर्यात को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है। खबर है कि, भारत का सबसे बड़ा निर्यात ग्राहक मिस्र होने वाला है। सूत्रों की माने तो, भारत ने हाल ही में मिस्र में तेजस एमके-1ए विमान के साथ-साथ मिस्र में ध्रुव और एलसीएच हेलीकॉप्टरों के लिए बड़े पैमाने पर उत्पादन सुविधा खोलने के लिए मिस्र के सामने एक प्रस्ताव पेश किया है। इस प्रस्ताव के अनुरूप, मिस्र के अधिकारियों के जल्द ही HAL की सुविधाओं का दौरा करने की उम्मीद है। मिस्र के अधिकारियों ने 2021 दुबई एयर शो में 70 TEJAS MK-1A विमान खरीदने की योजना की घोषणा की। इसके साथ ही भारत की डील इस वक्त मलेशिया के साथ भी चल रही है। मलेशियाई वायुसेना द्वारा भारत में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा बनाए जाने वाले लड़ाकू विमान तेजस को खरीदेगा।