पृथ्वी के भूपटल में उत्पन्न तनाव का उसकी सतह पर एकदम फ्री होने के कारण पृथ्वी की सतह का हिलना या उसमें कंपन होना भूकंप कहलाता है। भूकंप प्राकृतिक आपदाओं में से सबसे विनाशकारी विपदा है जिससे मानवीय जीवन की हानि हो सकती है। आमतौर पर भूकंप का प्रभाव अत्यंत विस्तृत क्षेत्र में होता है। भूकंप, व्यक्तियों को घायल करने और उनकी मौत का कारण बनने के साथ ही व्यापक स्तर पर तबाही का कारण बनता है।
इस दौरान अब यूरोपीय स्पेस एजेंसी की GAIA ऑब्जर्वेटरी ने अब तक आकाश गंगा का सबसे विस्तृत सर्वेक्षण किया है। इस बीच नए देता से मालूम होता है कि आकाश गंगा में हजारों सुनामी जैसे स्टारक्वेक हैं। स्टारक्वेक न्यूट्रॉन तारों की परत पर हो रही कंपन या गतिविधि को कहते हैं। सितारों की परतों पर ये भूकंप की तरह होते हैं। जब तारों में अचानक इनसे एडजस्टमेंट होता है तो इनका आकार गोलाकार हो जाता है।
In #GaiaDR3 @ESAGaia spotted starquakes that change the shapes of stars!
They cause a star's surface to move while it rotates as shown in this animation. The frequency of the rotations and pulsations was increased to make them audible for humans. https://t.co/bIFyhbgkgv pic.twitter.com/hhlM9bCOgw— ESA Science (@esascience) June 13, 2022
वैज्ञानिकों का मानना है कि ये डेटा खगोल विज्ञान के क्षेत्र में क्रांति ला सकता है। इससे संभवत: आकाश गंगा के रहने योग्य ग्रहों की पहचान करने में मदद मिलेगी। स्टारक्वेक की खोज गाया ऑब्जरवेटरी के लिए महत्वपूर्ण है। ब्रिटेन ने इस ऑब्जर्वेटरी के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। चेम्सफोर्ड स्थित टेलीडेन ई2वी GAIA के 1बिलिनय पिक्सल वाले कैमरे को संवेदनशील फोटॉन डिटेक्टर प्रदान करता है।
नया डेटा होगा मील का पत्थर साबित
इस नई खोज पर यूके के विज्ञान मंत्री जॉर्ज फ्रीमैन ने कहा, 'GAIA ऑब्जर्वेटरी से हमें उस आकाश गंगा को समझने में मदद मिलेगी जिसमें हम रहते हैं। सितारों के विकास, क्षुद्रग्रहों और स्टारक्वेक के बारे में जो जानकारी हमें मिली है वह खगोल विज्ञान समुदाय के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। गाया ऑब्जर्वेटरी सिर्फ सितारों की दूरी नहीं देख रहा, बल्कि उनके कैमिकल स्ट्रक्चर के बारे में भी जानकारी निकाल रहा है।'