मंगल ग्रह (Mars planet) पर उम्मीद से अधिक पानी के प्रमाण मिले हैं। चीन के मार्स रोवर जिसे जुरॉन्ग ने इस दिशा में एक नई जानकारी जुटाई है। ‘साइंस एडवांसेज’ पत्रिका में प्रकाशित नए अध्ययन में कहा गया है कि जुरॉन्ग ने मंगल ग्रह के निचले और गर्म इलाकों में भी पानी के आकलन से जुड़े प्रमाण दिए हैं। मंगल ग्रह पर कुछ 4,00,000 साल पहले भारी मात्रा में तरल पानी मौजूद रहा होगा। यह पानी ग्रह के रेतीले टीलों में पिघली हुई बर्फ के रूप में मौजूद था। साथ ही रोवर ने लाल ग्रह के निचले इलाकों में भी पानी खोजा है।
रोवर बताया कि 70 करोड़ वर्ष पूर्व तक मंगल ग्रह पर पानी मौजूद रहा होगा। यह खोज इसलिए अहम है क्योंकि मंगल ग्रह के ऊंचे इलाकों की तुलना में निचले इलाके गर्म हैं और जीवन की मौजूदगी या संभावनाओं के लिए बेहतर हैं। गौरतलब है कि ये पहली बार नहीं है जब मंगल पर पानी के अस्तित्व को लेकर विज्ञानियों ने दावा किया हो।
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इससे पहले अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने दावा किया था कि उसके यान ने मंगल ग्रह (MARS) पर पानी होने के सबूत खोजे हैं। जिसके बाद कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (Caltech) के वैज्ञानिकों ने इसकी जांच की थी। इस जांच में पता चला था कि मंगल ग्रह (Mars planet) पर 200 करोड़ साल पहले पानी मौजूद था, क्योंकि वहां पर बहते पानी के साथ आने वाले सॉल्ट मिनरल्स पाए गए हैं। इनके निशान मंगल ग्रह की सतह पर सफेद रंग की लकीरों के रूप में मौजूद हैं जिनको देखा जा सकता है।