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सावधान! धरती की तरफ तेज़ी से बढ़ रह है विशाल एस्टेरॉयड, NASA ने किया अलर्ट जारी

NASA issued alert: अंतरिक्ष कई रहस्यों से भरा हुआ है। अंतरिक्ष में कई ऐसी घटनाएं घटती हैं, जो धरती के लिए खतरा माना जाती हैं। एस्टेरॉयड को भी काफी लंबे समय से धरती के लिए खतरा माना जा रहा है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, धरती से एस्टेरॉयड टकराता है, तो बड़ी तबाही मच सकती है। बताया जाता है कि एक बार धरती और एस्टेरॉयड की टक्कर हुई थी जिसके बाद पृथ्वी से डायनासोर का खात्मा हो गया था।

हालांकि कई बार वैज्ञानिकों की तरफ से धरती से एस्टेरॉयड के टक्कर होने की संभावना जताई गई, लेकिन कभी भी ऐसी घटना नहीं घटी। इन दिनों धरती के पास से लगातार एस्टेरॉयड गुजर रहे हैं। अब एक बार फिर खगोलशास्त्रियों ने चेतावनी दी है कि एक विशालकाय उल्का पिंड यानी एस्टेरॉयड धरती की तरफ बढ़ रहा है, जिसकी पृथ्वी की कक्षा से अगले हफ्ते टक्कर हो सकती है।

एस्टेरॉयड अगले 48 घंटों में धरती के करीब पहुंचने वाला है

नासा (NASA issued alert) ने पृथ्वी की तरफ बढ़ते एक एस्टेरॉयड को लेकर अलर्ट जारी किया है। खास बात ये है कि 2019 से 2023 के बीच यह पांचवी बार धरती की ओर आ रहा है। एस्टेरॉयड 2020 PP1 नाम का यह एस्टेरॉयड अगले 48 घंटों में धरती के करीब पहुंचने वाला है। यह एस्टेरॉयड 14,400 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से धरती की ओर आ रहा है। इसका साइज 52 फीट है। अगर यह नासा धरती एस्टेरॉयड धरती से टकराता है तो बड़ा नुकसान का कारण बन सकता है। लेकिन नासा ने अभी तक इसके धरती से टकराने को लेकर कोई सूचना नहीं दी है।

इससे पहले यह एस्टेरॉयड चार बार- 9 अगस्त 2019, 5 अगस्त 2020, 3 अगस्त 2021, 1 अगस्त 20232 को धरती के करीब से गुजर चुका है। नासा हर साल इस एस्टेरॉयड पर नजर रखती है। इस साल यह 29 जुलाई को धरती के करीब आएगा।

क्या होते हैं एस्टेरॉयड?

एस्टेरॉयड को हिंदी में उल्कापिंड या क्षुद्रग्रह भी कहते हैं। इन्हें किसी ग्रह या तारे का टूटा हुआ टुकड़ा माना जाता है। इनका आकार एक छोटे पत्थर लेकर बड़ी-बड़ी चट्टानों तक हो सकता है। कहते हैं सौरमंडल में लाखों एस्टेरॉयड घूम रहे हैं।

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एस्टरॉयड सूरज का चक्कर लगाते हैं और ऐसा करते हुए यह पृथ्वी के निकट आ जाते हैं। आकाश से कभी- कभी आपने जलती हुयी रोशनी के साथ एक गिरते हुए गोले जैसा दृश्य देखा होगा, ये उल्का होते है जब ये उल्का जलते हुए रूप में नीचे आकर पृथ्वी तक पहुंच जाते है तब इन्हे (उल्का पिण्ड) कहते है, और साधारण बोलचाल में ‘टूटते हुए तारे’ अथवा ‘लूका’ कहते हैं।