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ब्रह्माण्ड के इतिहास की खुलेंगी परतें, NASA ने शुरू कर दी तैयारी 16 अक्टूबर को यूनिवर्स के बाहर जाएगा पहला अंतरिक्ष यान

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अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा एक बड़े मिशन पर काम कर रही हैं। इस कड़ी में नासा एस्टेरॉयड्स स्टडी के लिए 16 अक्टूबर को बड़ा मिशन लॉन्च करने वाली हैं। इस मिशन को नासा ने 'लूसी एस्टेरॉयड स्पेसक्राफ्ट' नाम दिया है। लूसी नाम 32 लाख साल पुराने इंसानी कंकाल के ऊपर दिया गया है। इस कंकाल से इंसानों की उत्पत्ति का पता चला था। इंसानों के सतत विकास के अध्ययन में एक नया मोड़, नई परिभाषा सामने आई थी। लूसी की खोज 1974 में हुई थी। इस मिशन के तहत 'लूसी' अतंरिक्ष में जाकर प्राचीन एस्टेरॉयड्स पर रिसर्च करेगा और सौर मंडल की उत्पत्ति के रहस्यों से पर्दा उठाएगा।

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इस मिशन पर वैज्ञानिकों 7387 करोड़ रुपए खर्च करेगी। यह मिशन 12 साल में पूरा होगा। ये एस्टेरॉयड बृहस्पति ग्रह के चारों तरफ चक्कर लगा रहे हैं। इस मिशन में पहली बार कोई स्पेसक्राफ्ट सौर मंडल के बाहर भेजा जा रहा है। पहली बार सौर मंडल और ब्रह्मांड के प्राचीन इतिहास के अध्ययन के लिए किसी स्पेसक्राफ्ट को लॉन्च किया जा रहा है। लूसी मिशन पर साउथवेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ने कहा कि अगर वैज्ञानिक महत्व की बात करे तो अंतरिक्ष में मौजूद एस्टेरॉयड्स किसी हीरे से कम नहीं है। इनकी स्टडी करके हम बड़े ग्रहों की सरंचना का पता कर सकते हैं।

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वैज्ञानिर मंगल और बृहस्पति ग्रह के बीच मौजूद एस्टेरॉयड की दुनिया को समझना चाहते हैं। जिन 8 एस्टेरॉयड्स की स्टडी लूसी करेगा, उसमें सात ट्रोजन एस्टेरॉयड्स हैं। चार ट्रोजन एस्टेरॉयड्स जोड़े में है. यानी लूसी एक बार में दो एस्टेरॉयड का अध्ययन करेगा। साथ ही दो एस्टेरॉयड्स की तस्वीरें भेजेगा। लूसी स्पेसक्राफ्ट सौर मंडल से बाहर जाने से पहले जिन एस्टेरॉयड्स की अध्ययन करने वाला है वो हैं- 52246 डोनाल्डजॉन्सन, 3547 यूरीबेट्स और उसका उपग्रह क्वेटा, 15094 पॉलीमेले, 11351 लियुकस, 21900 ओरस और जोड़े 617 पेट्रोक्लसमेनोइटियस। लूसी की वेबसाइट पर पूरे मिशन की डिटेल जानकारी दी गई है।