अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) एक हाल ही में खोजे गए ऐस्टरॉइड की निगरानी करने में जुटी हुई है। इस ऐस्टरॉइड को लेकर ऐसी आशंका जताई जा रही है कि यह साल 2046 में धरती से टकरा सकता है। हालांकि नासा के अनुसार इसके टकराने की आशंका ‘ बेहद कम है। यूरोपीय स्पेस एजेंसी के आंकड़ों के मुताबिक 625 में से 1 का चांस है कि यह ऐस्टरॉइड धरती से टकरा सकता है। कहा यह भी जा रहा है 560 में से 1 चांस है कि यह ऐस्टराइड धरती से टकराए। नासा की जेट प्रोपल्सन लेब्रोटरी अंतरिक्ष से आने वाले किसी भी खतरे की निगरानी करती है। इस आसमानी चट्टान का नाम 2023 DW रखा गया है। यह ऐस्टरॉइड ओलंपिक के स्विमिंग पूल के आकार का है। नासा ने कहा कि इस ऐस्टरॉइड के टकराने का खतरा बहुत कम है। नासा के इंजीनियर डेविडे फारनोचिआ ने कहा, ‘यह ऑब्जेक्ट खासतौर पर चिंताजनक नहीं है।’
नासा के रिस्क लिस्ट में 1448 ऐस्टरॉइड
सीएनएन के मुताबिक यह सामान्य है कि जब किसी ऐस्टरॉइड की खोज होती है तो शुरू में ज्यादा भयानक माना जाता है। हालांकि जब इस नए ऐस्टरॉइड की और ज्यादा विश्लेषण किया तो खतरे की आशंका कम हो जाती है। नासा के रिस्क लिस्ट में 1448 ऐस्टरॉइड हैं और इनमें 2023 DW का खतरा सबसे ज्यादा है। यह ऐस्टरॉइड अगले दो दशक तक धरती की ओर नहीं आने जा रहा है। यह ऐस्टरॉइड 160 फुट का है। ऐस्टरॉइड 2023 DW सूरज के चक्कर लगा रहा है।
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नासा का कहना है साल 2047 से 2054 के बीच में 9 अन्य ऐस्टरॉइड धरती के करीब आएंगे। यह आसमानी चट्टान 2 फरवरी को पहली बार अंतरिक्ष में नजर आई थी। यह ऐस्टरॉइड 25 किमी प्रति सेकंड से यात्रा कर रही है और अभी यह धरती से 1 करोड़ 80 लाख किमी की दूरी पर है। यह प्रत्यक 271 दिन में सूरज के चक्कर लगा रही है। नासा ने हाल ही में अपने डार्ट मिशन का सफल परीक्षण किया था।