Hindi News

indianarrative

ड्रैगन ने बनाया अब तक का सबसे विध्वंसक हथियार! दुनियाभर में मचा कोहराम

Gallium and Germanium China

Gallium and Germanium China: चीन और बाकि दुनिया के बीच टेक वॉर आने वाले समय में काफी बढ़ता हुआ दिख रहा है। चीन की सरकार ने कंप्‍यूटर चिप बनाने के लिए जरूरी दो मुख्‍य तत्‍वों के निर्यात पर सख्‍ती कर दी है। गैलियम और जर्मेनियम कंप्‍यूटर की चिप बनाने के लिए जरूरी दो मुख्‍य तत्‍व। आने वाले कुछ महीनों में इसी तत्‍व की वजह से चीन और पश्चिमी देशों के बीच टेंशन बढ़ सकती है। यही नहीं चीन इन मैटल्‍स का सबसे बड़ा उत्‍पादक देश है। मगर अब उसने इनके निर्यात पर सख्‍ती कर दी है। एक रिपोर्ट में बताया गया चीन ने तय किया है कि वहां से आयात होने वाले गैलियम और जर्मेनियम के लिए स्‍पेशल लाइसेंस की जरूरत पड़ेगी। चीन ने यह कदम तब उठाया जब अमेरिका ने एडवांस्‍ड माइक्रोप्रोसेसर तक चीन (China) की पकड़ को नियंत्रित करने की कोशिशें की हैं। यह फैसला तब किया गया है जब अमेरिका की वित्‍त मंत्री जेनेट येलेन चीन के दौरे पर जाने वाली हैं।

एलईडी बल्‍ब के लिए जरूरी ग‍ैलियम ​

गैलियम एक नरम, चांदी जैसी धातु है जो अपेक्षाकृत कम पिघलती है। गैलियम आर्सेनाइड सेमीकंडक्‍टर्स के उत्पादन में गैलियम एक आवश्यक तत्व है। GaAs का उपयोग माइक्रोवेव एम्पलीफायरों, सोलर सेल्‍स और एलईडी में किया जाता है। गैलियम का पावर इलेक्ट्रॉनिक्स, रेडियो फ्रीक्वेंसी (आरएफ) एम्पलीफायर और एलईडी लाइटिंग में भी प्रयोग होता है।

​क्‍यों जरूरी है जर्मेनियम​

वहीं जर्मेनियम की बात करे तो इसका प्रयोग इंफ्रारेड लाइट के ट्रांसमिशन में होता है। इसके अलावा यह थर्मल इमेजिंग कैमरों और नाइट विजन डिवाइसेज के लिए भी जरूरी होता है। फाइबर ऑप्टिक कम्‍यूनिकेशन सिस्‍टम में उनकी लाइट कैरी करने की क्षमता को भी यह बेहतर बनाता है। इसके लिए ऑप्टिकल फाइबर जर्मेनियम का उपयोग डोपेंट के रूप में भी किया जाता है। गैलियम और जर्मेनियम दोनों ही टेक्‍नोलॉजी वर्ल्‍ड के लिए काफी जरूरी हैं।

चीन ने​ ​क्‍या कहा है?

चीन की कॉमर्स मिनिस्‍ट्री की तरफ से कहा गया है कि एक अगस्‍त से निर्यातकों को इन मेटल्‍स और उनके कंपाउंड्स को निर्यात करने के लिए लाइसेंस की आवश्यकता होगी। निर्यातकों को इन धातुओं के आयातकों और अंतिम उपयोगकर्ताओं की पहचान करनी होगी। इसके अलावा उन्हें यह भी बताना होगा कि इन धातुओं का उपयोग कैसे किया जाएगा और उसके बाद ही लाइसेंस जारी किया जाएगा। चीन दुनिया में इन दोनों धातुओं का सबसे बड़ा निर्यातक बना हुआ है। दुनिया भर की तकनीकी कंपनियां सामग्री की प्रोसेसिंग के लिए चीन पर ही निर्भर है।

ये भी पढ़े: China में तबाही! कुदरत के कहर से चारों तरफ मचा हाहाकार, जाने कैसी मुसीबत लाई जुलाई

​चीन की दूसरे देशों को चेतावनी​

क्रिटिकल रॉ मैटेरियल्‍स एलायंस (सीआरएमए) का कहना है कि केवल कुछ कंपनियां एक यूरोप में और बाकी जापान और चीन में हैं। ये कंपनियां इसे आवश्यक शुद्धता पर बना सकती हैं। चीनी सीमा शुल्क के अनुसार, चीन ने साल 2022 में 94 मीट्रिक टन गैलियम का निर्यात किया। यह साल 2021 की तुलना में 25 फीसदी ज्‍यादा है। चीन के इस कदम को दूसरे देशों के लिए चेतावनी के तौर पर भी देखा जा रहा है।

​क्या बदला ले रहा है चीन

बहुत सी चीनी कंपनियों को अमेरिका में उत्पाद बेचने या निर्यात करने की अनुमति नहीं है। हुआवेई, जो उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स में एक जाना-माना नाम था, उसे अमेरिका के प्रतिबंधों की वजह से खासा नुकसान झेलना पड़ा है। इसके अलावा, अमेरिका एनवीडिया की तरफ से निर्मित चिप के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है। यह एआई के लिए भाषा मॉडल की ट्रेनिंग में महत्वपूर्ण हैं। चीनी कंपनियां एआई पर बड़ा दांव लगा रही हैं। अगर अमेरिका प्रतिबंध लगाता है तो इसका असर उन पर जरूर पड़ेगा।