Equal match fee for men and women cricketers: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के सचिव जय शाह ने गुरुवार को बड़ा एलान किया है। उन्होंने बताया कि अब भारतीय महिला खिलाड़ियों की मैच फीस (Equal match fee for men and women cricketers) भी पुरुष खिलाड़ियों के बराबर होगी। इससे पहले न्यूजीलैंड में यह नियम लागू हो चुका है। BCCI की एजीएम में हाल ही में यह फैसला लिया गया था कि महिला आईपीएल का पहला सीजन 2023 में खेला जाएगा। इसके बाद बोर्ड ने ये बड़ा लिया है। ये महिला क्रिकेट में बड़ा बदलाव है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने मैच फीस (Equal match fee for men and women cricketers) का ये फैसला गुरुवार को भारत और नीदरलैंड के बीच मुकाबले के टॉस के दौरान सुनाया है।
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रोहित टीम के बराबार महिला क्रिकेट टीम को भी मिलेगी फीस
BCCI ने टीम इंडिया में लैंगिक असमानता को खत्म करते हुए दोनों ही कैटिगरी में मैच फीस बराबर कर दिया है। यानी रोहित शर्मा की कप्तानी वाली टीम इंडिया और महिला टीम के प्लेयर्स को तीनों ही फॉर्मेट में बराबर मैच फीस मिलेगी। बोर्ड के सचिव जय शाह ने इस ऐतिहासिक फैसले के बारे में ट्विटर पर लिखा कि, महिला कैटगिरी को उनके पुरुष टीम के समान मैच फीस का भुगतान किया जाएगा। टेस्ट (15 लाख), ODI (6 लाख), T20I (3 लाख) मिलेगा। वेतन इक्विटी हमारी महिला क्रिकेटरों के लिए मेरी प्रतिबद्धता थी और मैं एपेक्स काउंसिल को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं। जय हिंद।
The @BCCIWomen cricketers will be paid the same match fee as their male counterparts. Test (INR 15 lakhs), ODI (INR 6 lakhs), T20I (INR 3 lakhs). Pay equity was my commitment to our women cricketers and I thank the Apex Council for their support. Jai Hind 🇮🇳
— Jay Shah (@JayShah) October 27, 2022
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BCCI का ये ऐतिहासिक फैसला
इसके साथ ही भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने वर्ल्ड क्रिकेट टीम को बड़ा मेसेज दिया है। वह महिला और पुरुष क्रिकेटरों को बराबर मैच फीस देने वाला दूसरा बोर्ड बन गया है। इससे पहले न्यूजीलैंड ने इसी वर्ष जुलाई में यह ऐतिहासिक फैसला किया था। उसके बाद उम्मीद थी कि दुनियाभर के क्रिकेट बोर्ड भी इसे अपनाएंगे। बोर्ड के इस फैसला का असर सीधा महिला क्रिकेट टीम पर पड़ेगा। उनके अंदर जज्बा और भी ज्यादा भर जाएगा। महिला क्रिकेट को अब न केवल तेजी से बढ़ावा मिलेगा, बल्कि क्रिकेट में चले आ रहे पुरुषों के वर्चस्व का भी खात्मा होगा। इसे पहले बीसीसीआई ने महिला इंडियन प्रीमियर लीग के भी शुरू करने का ऐलान किया था। ये दोनों ही फैसले ऐतिहासिक हैं।