कप्तानी को लेकर विराट कोहली का विवाद तूल पकड़ता जा रहा है। सोशल मीडिया पर सौरव गांगुली और विराट कोहली के फैंस की बीच एक जंग सी छिड़ गई है। इस बीच लोग महेंद्र सिंह धोनी के उस वक्त को याद कर रहे है, जब धोनी ने टीम की कप्तानी को संभाला था। लेकिन क्या आप जानते है कि धोनी ने भी भारतीय टीम की कप्तानी को छोड़ने की धमकी दी थी। महेंद्र सिंह धोनी ने कप्तानी की कमान साल 2008 में संभाली थी। इस दौरान उनके पास कई चुनौतियां थी। सभी चुनौतियों का बखूबी से सामना कर उन्होंने भारतीय टीम को कई ऐतिहासिक पल दिए।
यह भी पढ़ें- खुशी कपूर के बेडरुम की तस्वीरें हुई Leak, फोटोज में दिखाई दिया कुछ अजीब, क्या आपने किया नोटिस?
साल 2008 में ये खबरें सामने आई थी कि धोनी ने कप्तानी छोड़ने की धमकी दी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सेलेक्शन कमिटी की मीटिंग की जानकारी लीक हो गई थी। धोनी ने आरपी सिंह की जगह इरफान पठान को टीम में शामिल करने की बात पर सेलेक्टर्स को कप्तानी छोड़ने की धमकी भी दे दी थी। खबरों में दिखाया जाने लगा था कि आरपी सिंह की जगह इरफान पठान के सेलेक्शन को लेकर धोनी असहमत थे। जब चयनकर्ताओं ने आरपी सिंह के स्थान पर इरफान पठान को चुनने को कहा तो धोनी ने कप्तानी छोड़ने की बात कही थी।
यह भी पढ़ें- इमरान खान ने तोड़ा 'कर्ज का रिकॉर्ड', 3 साल में लिया 15 अरब डॉलर का उधार, जानें कितना गिरा पाकिस्तानी रुपया
हालांकि आरपी सिंह ने एक इंटरव्यू में इस मामले की पूरी सच्चाई बताई थी। आरपी सिंह का कहना था कि महेंद्र सिंह धोनी अपनी कप्तानी में कभी भी टीम का सेलेक्शन करने के मामले में पक्षपात नहीं करते थे। आरपी सिंह के मुताबिक महेंद्र सिंह धोनी ऐसे कप्तान नहीं थे, जो टीम चुनते समय इस बात को ध्यान रखते हो कि किस खिलाड़ी से उनकी दोस्ती है। आरपी सिंह ने कहा था कि जब अच्छे खिलाड़ियों के चयन की बात आई तो धोनी ने अपनी टीम के लिए निष्पक्ष होकर फैसला लिया था और जब बात लीक हुई तो इसका उन पर कोई असर नहीं हुआ। आपको बता दें कि धोनी की कप्तानी में भारत आईसीसी वर्ल्ड टी-20 (2007), क्रिकेट वर्ल्ड कप (2011) और आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी (2013) का खिताब जीत चुका है। इसके अलावा भारत 2009 में पहली बार टेस्ट में नंबर एक बना था।