9 अगस्त 1942, इसी दिन आज़ादी का आख़िरी सबसे बड़ा आंदोलन छिड़ा था। “अगस्त क्रांति” के नाम से जाने जाने वाला यह आंदोलन भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement) के नाम से भी जाना जाता है। मुंबई के गोवालिया टैंक मैदान से महात्मा गांधी ने भारतीयों को “Do Or Die” यानी “करो या मरो” का नारा दिया था। इस नारे का एक ही आह्वान था-‘अंग्रेज़ों भारत छोड़ो’। यह आंदोलन शुरू हो पाता,उससे पहले ही गांधी जी सहति इसके तमाम नेताओं को गिरफ़्तार कर लिया गया,लेकिन आज़ादी की दीवानगी लोगों में इतनी ज़्यादा थी कि लोग सड़कों पर उतर गये और कई क्षेत्रों से अंग्रेज़ी हुक़ूमत की जगह राष्ट्रीय सरकार का शासन हो गया। आज़ादी की दूरी को एक झटके में कम कर देने वाले इस आंदोलन के तमाम पहलुओं को दिखाती यह डॉक्यूमेंट्री आपको आज़ादी से पहले की एक ऐसी दुनिया में ले जाती है,जहां लोगों के दिल-ओ-दिमाग़ में सिर्फ़ और सिर्फ़ आज़ादी के सपने हैं और इस सपने को साकार करने के लिए बड़े-बड़े नेताओं सहित आम लोगों के अदम्य संघर्ष हैं।