Hindi News

indianarrative

India के इस खास दोस्त को निगलना चाहता है ड्रैगन, दोस्ती कर घोंप दिया पीठ में खंजर!

एक और देश को डूबोने पर लगा हुआ है ड्रैगान

हाल की सालों में कई छोटे देशों में चीन ने तेजी से विस्तार किया है। ऐसे में जिन-जिन देशों को चीन ने लालच दिया है वो-वो देश उसकी कर्ज जाल में फंसते जा रहे हैं। श्रीलंका इस वक्त एक जीता-जागता उदाहरण है। श्रीलंका इस वक्त भारी आर्थिक संकट से गुजर रहा है, यहां पर तेल, रासन, दवा से लेकर लगभग हर चीजों की दामों में भारी बढ़ोतरी हो गई है। आजादी के बाद से इतिहास में पहली बार श्रीलंका की अर्थव्यवस्था इतनी बिगड़ी है। श्रीलंका के बाद और एक और देश को चीन अपनी जाल में फंसा रहा है।

दरअसल, चीन अब बांग्लादेश का भी हाल श्रीलंका वाला करते नजर आ रहा है। इन दिनों बीजिंग खुद को कोरोना महामारी में ढाका का भरोसेमंद साझेदार साबित करने में जरूर लगा है पर असल में वहां चीनी कंपनियों की धोखाधड़ी और कर चोरी के मामले ड्रैगन की शोषणकारी व्यवस्था को सामने ला रहे हैं। मीडिया में आ रही खबरों की माने तो, जानकारों का कहना है कि- बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) की आड़ में चीनियों का भ्रष्टाचार बांग्लादेशी उद्यमों से लेकर सरकारी लेन-देन तक फैल चुका है।

वहीं, बीते साल में कई मोगा प्रोजेक्टों में चीनी कंपनियों द्वारा पैसों के गबन के मामले खुलने पर बांग्लादेश ने चीन सरकार को ढांचा परियोजनाओं में पैसा न लगाने के लिए बाध्य किया। इसके अलावा, बांग्लादेशी श्रीमिकों के साथ चीनी कंपनियों के अमानवीय बर्ताव ने भी रोष उत्पन्न कर दिया है। हाल ही में चीनी प्रोजेक्ट अधिकारी ने एक श्रमिक के कार्यस्थल पर ठीक से मास्क न पहनने पर जमकर पिटाई की थी। चीन की चाल है कि, बांग्लादेश उसके बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) में भागीदारी निभाए और ढाका ने भी उसकी इस योजना में दिलचप्सी जाहिर की है। लेकिन, श्रीलंका में जो हालात हुए उसे देखते हुए बांग्लादेश सोच समझकर कदम उठाना चाहिए। क्योंकि अब यहां भी चीन की मौजूदगी में व्यवस्थागत भ्रष्टाचार बढ़ रहा है तो जवाबदेही घटती जा रही है।