पाकिस्तान (Pakistan) इस वक्त भयानक आर्थिक संकट में है और अब यहां पर कई सेवाओं के बंद होने का खतरा बढ़ गया है। ताजा जानकारी के अनुसार फंड की कमी के चलते अब एयरलाइन को ठप करने की नौबत आ गई है। जल्द ही एयरलाइंस को जमीन पर खड़ा करना पड़ सकता है। इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि फंड के ब्लॉक होने की वजह से पाकिस्तान सहित कई और देशों में एयरलाइन कनेक्टिविटी पर खतरा पैदा हो गया है।
ग्लोबल एयरलाइन एसोसिएशन ने रविवार को एक बयान में कहा, अप्रैल 2023 में इस सेक्टर में 47 फीसदी तक फंड ब्लॉक था। अप्रैल 2022 में 1.55 अरब डॉलर की धनराशि रुकी हुई थी तो इस साल यह बढ़कर 2.27 बिलियन डॉलर हो गई है। आईएटीए की तरफ से यह चेतावनी पाकिस्तान के अलावा बांग्लादेश, नाइजीरिया, अल्जीरिया और लेबनान को भी दी गई है। फंड की कमी की वजह से पाकिस्तान में अब एयरलाइंस को ठप करने की नौबत आ गई है। इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि फंड के ब्लॉक होने की वजह से पाकिस्तान सहित कई और देशों में एयरलाइन कनेक्टिविटी पर खतरा पैदा हो गया है।
और कौन-कौन से देश?
आईएटीए ने का कहना है पाकिस्तान समेत कुछ देशों की एयरलाइंस उन बाजारों में सेवाओं की पेशकश जारी नहीं रख सकती हैं जहां वे पर वे बाजारों में व्यावसायिक गतिविधियों से मिलने वाले राजस्व को वापस करने में असमर्थ हैं। एयरलाइन एसोसिएशन के महानिदेशक विली वॉल्श ने सरकारों से इस स्थिति को हल करने की रिक्वेस्ट की है ताकि एयरलाइंस कनेक्टिविटी जारी रखी जा सके। संगठन का कहना है कि यह आर्थिक गतिविधि और रोजगार सृजन के लिए बहुत जरूरी है। नाइजीरिया के लिए 812.2 मिलियन डॉलर, बांग्लादेश 214.1 मिलियन डॉलर, अल्जीरिया के लिए 196.3 मिलियन डॉलर, पाकिस्तान 188.2 मिलियन डॉलर और लेबनान के लिए 141.2 मिलियन डॉलर की धनराशि को ब्लॉक कर दिया गया है।
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विदेशी कंपनियों की मुश्किलें बढ़ीं
एयरलाइन एसोसिएशन ने इन देशों की सरकारों से अंतरराष्ट्रीय समझौतों और संधि के दायित्वों का पालन करने का आग्रह किया है। उसका कहना है कि ऐसा करके ही एयरलाइंस को टिकटों की बिक्री, कार्गो स्पेस और बाकी गतिविधियों से पैदा इन फंड्स को वापस करने में सक्षम बनाया जा सके। इस साल मार्च में संगठन ने चेतावनी दी थी कि पाकिस्तान में ऑपरेशन जारी रखना ‘बहुत चुनौतीपूर्ण’ हो गया है। उसका कहना है कि एयरलाइंस डॉलर वापस करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इससे संकटग्रस्त देश में काम कर रही विदेशी कंपनियों के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं।
पाकिस्तान के लिए स्थितियां कठिन
पाकिस्तान इस समय एक बड़े वित्तीय संकट से पीड़ित है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार के खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। इस वजह से जरूरी वस्तुओं की कमी हो गई है और उनकी कीमतों में बेतहाश इजाफा हुआ है। कंपनियां मुद्रा आयात करने या इसे परिवर्तित करने में देरी से जूझ रही हैं। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि देश अब डिफॉल्ट होने की कगार पर है। पाकिस्तान के हालातों की वजह से हवाई यात्रा पर भी असर पड़ा है। एयरलाइंस स्थानीय मुद्रा में टिकट बेचते हैं, लेकिन ईंधन जैसे खर्चों के भुगतान के लिए डॉलर की जरूरत होती है।