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ड्रैगन को America की धमकी, कहा- Ukraine को लेकर हमारे हाथ बंधे हैं! लेकिन Taiwan पर हम एक साथ करेंगे…

चीन को अमेरिका धमकी दे रहा या फिर भड़का रहा!

अमेरिका और चीन की दुश्मनी काफी लंबे समय से है और जब से रूस ने यूक्रेन पर हमला किया है तब से अमेरिका चीन को लगातार धमकी दे रहा है। वैसे तो अमेरिका ने दुनियाभर को धमकी दी है कि अगर कोई भी रूस की मदद किया तो उसे अंजाम बुरा भुगतना होगा। इसके साथ ही चीन लगातार रूस का समर्थन कर रहा है और अंदर ही अंदर मदद भी कर रहा है। यही बात अमेरिका को खाए जा रही है। अमेरिका कई बार चीन को धमकी दे चुका है लेकिन, यह बात समझ में नहीं आ रही है कि वो उसे धमका रहा है या भड़का रहा है ताकि यह जंग और तेज वो और रूस पर प्रतिबंधों का और बौछार करे। खैर जो भी लेकिन, इस बार अमेरिका ने चीन से कहा है कि अगर उसने रूस का समर्थन किया तो उसे भारी कीमत चुकानी होगी।

अमेरिका ने चीन को धमकी दी है कि यूक्रेन में रूस के हमले का समर्थन करना भविष्य में उन्हें बहुत भारी पड़ेगा। अमेरिका ने कहा है कि ऐसा करने की चीन को भारी कीमत चुकानी होगी। ताइवान के दौरे पर आए एक वरिष्ठ अमेरिकी सांसद ने ये बात कही। दरअसल लिंडसे ग्राहम की अध्यक्षता में अमेरिकी प्रतिनिधियों के ताईवान दौरे को लेकर भड़के चीन ने भी धमकी भरे लहजे में कहा था कि इसके गंभीर परिणाम देखने को मिलेंगे। चीन ने कहा था हमने लोकतांत्रिक ताईवान पर कभी शासन नहीं किया लेकिन क्योंकि ये आईलैंड हमारी सीमा के अंदर आता है, हम इसे कभी भी अपने कब्जे में ले सकते हैं और जरूरत पड़ी तो इसके लिए ताकत का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

अमेरिकी सांसद ने ताईवान के राष्ट्रपति थाई-इंग-वेन से मुलाकात के दौरान कहा कि रूस ने जिस तरह से यूक्रेन पर हमला किया और चीन ने उसकी निंदा करने से मना कर दिया उससे जाहिर है कि भविष्य में वो भी अपने पड़ोसी देश के साथ ऐसा कर सकता है। ताईवान को भरोसा दिलाते हुए अमेरिका ने कहा कि ताईवान को छोड़ देना लोकतंत्र और स्वतंत्रता को छोड़ देने जैसा है। अगर ऐसा हुआ तो ये मानवता के लिए शर्मनाक होगा।

उन्होंने कहा कि, दुनिया में जो हो रहा है उसकी कीमत चीन को चुकानी होगी। रूस का समर्थन करने की एक कीमत है जो चीन को चुकानी होगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, जो लोग ताईवान को कमजोर समझ रहे हैं उन्हें समझ लेना चाहिए कि वैश्विक समुदाय ताईवान के साथ है। हम ताईवान पर कोई भी नकारात्मक असर नहीं पड़ने देंगे क्योंकि, ताईवान के साथ वैश्विक समुदाय का हित जुड़ा हुई है।