युक्रेन जंग को लेकर अमेरिका दुनिया को धमकी दे रहा है कि जो भी देश रूस का साथ देगा, वो उसे बर्बाद कर देगा। रूस की अर्थव्यवस्था को गिराने के लिए अमेरिका और नाटो मिलकर कड़े से कड़े प्रतिबंध लगा रहे हैं। दुनिया को चेतावनी दे रहा है कि वो रूस के साथ व्यापार न करें। लेकिन, यही अमेरिका पाबंदियों के बाद भी खुद रूस से जाकर सस्ते में तेल खरीद रहा है। ये वही अमेरिका है जो दुनिया को रूस के साथ व्यापार करने के लिए रोक रहा है और अपने अधिकारियों से कह रहा है कि, रूस से सस्ते तेल खरीदों और साथ ही जरूरत की सारी चिजों की खरीदारी करो। अब ये अमेरिका एक बार फिर से चीन को सीधी चेतावनी दिया है की अगर उसने रूस का साथ दिया तो खामियाजा भुगतने होंगे।
अमेरिका की उप विदेश मंत्री वेंडी शरमन ने साफ शब्दों में चीन को रूस के समर्थन पर खामियाजा भुगतने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में युद्ध को लेकर रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों से चीन को इसके परिणामों की अच्छी समझ मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर चीन मॉस्को को सामग्री भेजकर समर्थन करता रहा तो उसे प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है। अमेरिका ने किया रूस पर नए प्रतिबंधों का एलान शरमन ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, उनके करीबी लोगों और देश के निर्यात पर लगाए कई प्रतिबंध चीन के नेता शी जिनपिंग के लिए एक उदाहरण के रूप में काम करना चाहिए। शरमन ने हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स फॉरेन अफेयर्स कमेटी की सुनवाई में कहा, मुझे लगता है यह राष्ट्रपति शी को एक बहुत अच्छी समझ देता है कि उनके रास्ते में क्या आ सकता है, अगर वे वास्तव में किसी भी तरह से पुतिन का समर्थन करते हैं।
इसके आगे उन्होंने कहा कि, बीजिंग को यूक्रेन पर समन्वित पश्चिमी प्रतिक्रिया से सही सबक लेना चाहिए कि लोकतांत्रिक रूप से शासित ताइवान को बलपूर्वक हासिल करने का कोई भी कदम स्वीकार्य नहीं होगा। उन्होंने पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का जिक्र करते हुए कहा, हमें उम्मीद है कि चीन समझता है कि इस तरह की किसी भी कार्रवाई को न केवल अमेरिका से बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय से प्रतिक्रिया मिलेगी चीन ने यूक्रेन में रूस की कार्रवाई की निंदा करने या इसे एक आक्रमण कहने से इनकार किया है।