Hindi News

indianarrative

North Korea के नज़दीक पहुंचे अमेरिकी परमाणु B-52 बॉम्बर, तानाशाह किम को घेरने की तैयारी

दक्षिण कोरिया (North Korea) और अमेरिका के बीच चल रहे संयुक्त सैन्य अभ्यास में सनकी तानाशाह किम को उसी के घर में घेरने की तैयारी चल रही है। अमेरिकी परमाणु पनडुब्बी और B-52 बॉम्बर द्वारा सनकी किम को घेरने की तैयारी चल रही है। मतलब साफ कि एक भी गलत कदम किम की मुसीबत बढ़ा सकता है।अमेरिकी बी-52 बॉम्बरों की एक टुकड़ी ने कोरियाई प्रायद्वीप में उत्तर कोरिया के नजदीक उड़ान भरी है। अमेरिका के ये बॉम्बर परमाणु हमला करने में सक्षम हैं। बी-52 की यह उड़ान उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग में अमेरिका विरोधी रैलियों के बाद आयोजित की गई है। इससे चंद दिनों पहले ही अमेरिकी नौसेना की परमाणु हथियारों से लैस एक पनडुब्बी दक्षिण कोरियाई बंदरगाह पर पहुंची थी। आम तौर पर परमाणु हथियारों से लैस पनडुब्बियों की गतिविधियों से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक नहीं की जाती है, लेकिन अमेरिकी नौसेना ने बाकायदा प्रेस रिलीज जारी कर अपनी पनडुब्बी के दक्षिण कोरिया पहुंचने की जानकारी साझा की थी।

बमवर्षकों का फ्लाईओवर उत्तर कोरिया के अपने परमाणु शस्त्रागार का विस्तार करने के प्रयास के जवाब

दक्षिण कोरिया (North Korea) के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, लंबी दूरी के बी-52 बमवर्षकों ने कोरियाई प्रायद्वीप पर अन्य अमेरिकी और दक्षिण कोरियाई लड़ाकू विमानों के साथ संयुक्त हवाई अभ्यास में भाग लिया। बमवर्षकों का फ्लाईओवर उत्तर कोरिया के अपने परमाणु शस्त्रागार का विस्तार करने के प्रयास के जवाब में माना जा रहा है। इसे अमेरिका और दक्षिण कोरिया की रणनीतिक भारीदारी को भी मजबूत करने के तौर पर देखा जा रहा है। दक्षिण कोरियाई रक्षा मंत्रालय ने कहा कि बी-52 बमवर्षकों की तैनाती से कोरियाई प्रायद्वीप में अमेरिकी हथियारों की मौजूदगी काफी बढ़ गई है।

यह भी पढ़ें: America-जापान की बढ़ी टेंशन! North Korea ने फिर दागी दो बैलिस्टिक मिसाइलें

दो हफ्ते पहले, अमेरिका ने छह साल में पहली बार दक्षिण कोरियाई जलक्षेत्र में लगभग 150 टॉमहॉक मिसाइलों को ले जाने में सक्षम परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी तैनात की थी। यूएसएस मिशिगन की तैनाती को उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षणों के विरोध में किया गया है। उत्तर कोरिया का दावा है कि उसकी मिसाइलें अमेरिका तक हमला करने में सक्षम हैं। कई सामरिक विशेषज्ञों ने भी उत्तर कोरिया के दावे से सहमति जताई है। इससे अमेरिका की चिंता काफी ज्यादा बढ़ गई है। उत्तर कोरिया की संभावित आक्रामकता से बचने के लिए अमेरिका ने दक्षिण कोरिया में लगभग 28,000 सैनिक तैनात किए हैं।