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भारत और अमेरिका के रिश्‍ते को देख बौखलाए चीन-पाकिस्तान- US सांसद बोले अहम पड़ाव पर दोनों देश के रिश्ते

भारत और अमेरिका के रिश्‍ते को देख बौखलाए चीन-पाकिस्तान

भारत और अमेरिका के रिश्ते से इस वक्त चीन और पाकिस्तान के कलेजे पर सांप लेटा हुआ है। दोनों देश इस वक्त जल-बूझ रहे हैं। अमेरिका और भारत के बीच रिश्ता कितना गहरा है यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी यात्रा का दौरान दिख गया, जहां पर उनका भव्य स्वागत किया गया। प्रधानमंत्री के अमेरिकी दौरे से वापस लौटने के कुछ दिन बाद एक शीर्ष अमेरिकी सासंद ने कहा है कि दोनों देशों के संबंधों के लिए इससे ज्यादा महत्वपूर्ष श्रण पहले कभी नहीं रहे।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा शनिवार को संपन्न हुई। इस दौरान पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 76वें सत्र को संबोधित किया, पहले प्रत्यक्ष क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लिया और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

अमेरिका के सांसद चक शूमर ने अमेरिका-भारत रणनीतिक एवं साझेदारी मंच के चौथे सम्मेलन में कहा कि, भारत और अमेरिका के बीच संबंधों के लिए शायद इतना महत्वपूर्ण क्षण कभी नहीं रहा जितना अभी है। उन्होंने तीन दिवसीय ऑनलाइन कार्यक्रम के पहले दिन कहा, अगर हम अपने सामान्य मूल्यों पर खरे उतरते हैं, अगर हम आर्थिक विकास के अवसर पैदा करते हैं और अगर हम साझा रक्षा सुनिश्चित करते हैं, तो मेरा मानना ​​है कि अगली पीढ़ी वास्तव में धरती पर दो सबसे बड़े लोकतंत्रों की ताकत पर बनी समृद्धि की दुनिया का आनंद ले सकती है। मैं वादा करता हूं कि मैं उस नेक लक्ष्य को हासिल करने के लिए हरसंभव कोशिश करूंगा।

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इसके आगे उन्होंने कहा कि, ये समय है जब दोनों देशों को उन मौकों की तलाश करनी चाहिए, जिसके तहत वो निवेश को बढ़ावा दे सकते हैं। उनका इशारा सेमीकंडक्टर और बायोटेक जैसे क्षेत्रों की ओर था। उनकी मानें तो भार और अमेरका को अब 5जी, साइबर सिक्योरिटी और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसे क्षेत्रों की ओर ध्यान देना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने चीन का नाम नहीं लेते हुए कहा कि, दुनिया में चारों ओर दुश्मन मौजूद हैं। इन दुश्मनों ने कभी भी लोकतंत्र का सम्मान नहीं किया है। ये वो देश हैं जो इस समय साइबर सिक्योरिटी और 5जी जैसे तकनीकों में तेजी से निवेश कर रहे हैं। इन दुश्मनों को किसी भी तरह से मात देने की जरूरत है। साथ ही अमेरिका और भारत दोनों को ही समान रक्षा से संबंधित प्रणालियों पर साथ मिलकर काम करने की जरूरत है।