पाकिस्तानी सेना ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति के सामने इमरान खान के झूठ की पोल खोल दी है। दरअसल, इमरान सरकार ने दावा किया था कि इस राजनयिक संदेश में इस बात के सबूत हैं कि अमेरिका पाकिस्तान में सत्ता में बदलाव की साजिश रच रहा है। इमरान खान के इस दावे की हवा पाकिस्तानी सेना ने निकाल दी है। पाकिस्तानी सेना ने कहा कि इमरान खान सरकार को गिराने में अमेरिका के शामिल होने के कोई सबूत नहीं है। देश की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति के समक्ष दिए बयान में पाकिस्तानी सेना ने कहा है कि पाकिस्तान में इमरान खान सरकार को गिराने में अमेरिका के शामिल होने या धमकी के कोई सबूत नहीं हैं।
पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक अपने बयान में सेना ने कहा कि उन्हें अमेरिकी हस्तक्षेप के कोई सबूत नहीं मिले हैं। महत्वपूर्ण बात यह थी कि इस बैठक की खुद इमरान खान ने अध्यक्षता की थी। एनएससी की बैठक को राजनयिक संदेश पर चर्चा करने के लिए इमरान खान ने बुलाया था। इमरान सरकार ने दावा किया था कि इस राजनयिक संदेश में इस बात के सबूत हैं कि अमेरिका पाकिस्तान में सत्ता में बदलाव की साजिश रच रहा है। एनएससी की बैठक में राजनयिक संदेश में इस्तेमाल की गई भाषा पर सख्त आपत्ति जताई गई थी।
एनएससी ने कहा कि यह पाकिस्तान के आंतरिक मामले में अमेरिका का हस्तक्षेप है। एनएससी ने अमेरिका से कूटनीतिक तरीके से आपत्ति जताने का फैसला लिया था। एनएससी के बयान का इस्तेमाल संसद के निचले सदन नैशनल असेंबली के डेप्युटी स्पीकर ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को रोकने के लिए किया था। इसके बाद से पाकिस्तान में संवैधानिक संकट पैदा हो गया। इमरान खान ने दावा किया था कि एनएससी ने उनके उस रुख का समर्थन किया है जिसमें उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव को उन्हें सत्ता से हटाने की साजिश का हिस्सा बताया था। खान ने कहा- 'मैं किसी देश के खिलाफ नहीं हूं, मैं अमेरिकी विरोधी नहीं हूं, लेकिन हां, हम कुछ नीतियों के खिलाफ हो सकते हैं। मैं चाहता हूं कि दोनों देशों में दोस्ती हो, जिसका मतलब आपसी सम्मान है।'