सैकड़ों बलूच और पश्तून (Baloch-Pashtun) युवाओं की लाशें पाकिस्तान के अस्पतालों की छतों पर सड़ रही इन लाशों को चील-गिद्धों ने खाना छोड़ दिया है। बलूच और पश्तून (Baloch-Pashtun) लाशों के कई अंग गायब हैं। ऐसा बताया जाता है कि पाकिस्तानी आर्मी और पुलिस ने कथित आतंकविरोधी अभियानों के नाम पर सैकड़ों बलूच और पश्तूनों (Baloch-Pashtun) को अवैध तौर पर गिरफ्तार किया और फिर हत्या करने के बाद अस्पतालों की छतों पर फेंक दिया। पाकिस्तान के ये हालात देख तालिबान ने भी तौबा कर ली है और पाकिस्तान को कसाईयों से भी बदतर देश बताया है।
बलूचों और पश्तूनों की लाश मिलने का सिलसिला मुल्तान के निश्तार अस्पताल से शुरू हुआ है। पाकिस्तान सरकार इस मामले को छिपाने की कोशिश कर रही है। बलूच और पश्तून मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने लाशों का डीएनए टेस्ट कराने की मांग की थी। जिसे पाकिस्तान सरकार ने नकार दिया है।
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ऐसा भी बताया जा रहा है कि मुल्तान के निश्तार अस्पताल की छत से कई लाशें बरामद की गईं। इनमें से कई शवों की छाती खुली हुई थी और उनके अंग गायब थे। अस्पताल प्रशासन ने बहाना बनाया है कि ये वो लाशें हैं जिन्हें पुलिस और रेस्क्यु अधिकारी समय पर मुर्दाघर से उठाकर नहीं ले जाते।
अस्पतालकर्मियों ने पहचान गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि शवों पर मिले बड़े ‘सलवार’ इस बात का संकेत देते हैं कि मृतक बलूच हैं या पश्तून हैं। डॉक्टरों ने कहा कि उनकी मजबूत कद काठी बताती है कि ये बलूच या पश्तून ही हो सकते हैं। अस्पताल प्रशासन उनका डीएनए टेस्ट नहीं कर रहा है और मामले को दबाने की कोशिश कर रहा है।
अस्पताल की छत पर पड़े क्षत-विक्षत ये शव लापता बलूच और पश्तूनों के ही हैं क्योंकि किसी भी पंजाबी, सिरैकी या स्थानीय ने अस्पताल से इन पर दावा नहीं किया है। पंजाब के मुख्यमंत्री के सलाहकार चौधरी जमान गुर्जर ने कहा कि वह अस्पताल के दौरे पर थे जब एक शख्स उनके पास आया और बोला, ‘अगर आप कुछ अच्छा काम करना चाहते हैं तो मुर्दाघर जाकर देंखे।’ उन्होंने कहा कि जब मैं वहां पहुंचा तो स्टाफ मुर्दाघर के दरवाजे खोलने के लिए तैयार नहीं था।