पिछले 75 साल से आजादी की जंग लड़ रहे बलूच लोगों ने साबित कर दिया है कि अगर उन्हें आजाद नहीं किया गया तो पाकिस्तान ही नहीं बल्कि पाकिस्तान की मदद करने वाले चीन को भी बर्बाद कर देंगे। उनकी यह लड़ाई उस समय तक जारी रहेगी जब तक बलूचिस्तान पाकिस्तान के चंगुल से पूरी तरह आजाद नहीं हो जाता। बलूचिस्तान की मजीद ब्रिगेड की एक सुसाइट बॉम्बर ने बीते दिन कराची यूनिवर्सिटी गेट पर हमला कर चीनी नागरिकों को ला रही वैन को उड़ा दिया। इस हमले में सुसाइड बॉम्बर के अलावा 4 चीनी नागरिक और एक पाकिस्तनी ड्राईवर मारा गया।
यह हमला कराची यूनिवर्सिटी के भीतर कन्फ्यूशियस इंस्टीट्यूट के पास हुआ। मरने वाले पांच लोगों में से चार चीन के नागरिक थे। चीनी प्रशासन ने इस हमले के बाद पाकिस्तान सरकार से खासी नाराजगी व्यक्त की है। चीन की नाराजगी का यह आलम था कि पाकिस्तान के नवनियुक्त प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ खुद चीन के दूतावास पहुंचे और चीनी राजदूत से मिल कर चीनी नागरिकों की मौत पर संवेदना व्यक्त की और हमलाकरने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया।
A CCTV shows Baloch Liberation Army detonating a bomb seconds after the minivan carrying Chinese teachers arrive at the gate of Confucius Institute at University of #Karachi.
pic.twitter.com/CVUXsZfqAb— 📡IFE News Agency🚨 (@IFENewsAgency) April 27, 2022
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार जिस वैन को मजीद ब्रिगेड की महिला सुसाइड बॉम्बर ने उड़ाया उस वैन को पाकिस्तानी रेंजर्स के जवान मोटर बाइक से एस्कॉर्ट कर रहे थे। इस हमले में पाकिस्तानी रेंजर्स के चार सिपाही भी घायल हुए हैं।
कराची यूनिवर्सिटी के दरवाजे पर हमला करके बलूच लिब्रेशन टाइगर्स ने पाकिस्तान को यह बता दिया है कि वो केवल क्वेटा, खैबर पख्तूनख्वाह ही नहीं लाहौर, इस्लामाबाद या कराची कहीं भी धमाके कर सकते हैं। खास तौर पर जहां-जहां चीनी अफसरों के ठिकाने हैं उनको निशाना बना सकते हैं। दरअसल, बलूचों को यह पक्का शक हो गया है कि पाकिस्तान को कर्जा देकर चीनी सरकार ने बलूचों की जमीन पर कब्जा कर लिया है।
चीन अब पाकिस्तानी आर्मी की मदद बलूच आंदोलन के दमन में मदद कर रहा है। इसलिए जब तक चीनियों को बलूचिस्तान छोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा तब तक उन्हें आजादी मिलनी मुश्किल है। इसलिए बलूच टाइगर्स ने बलूचिस्तान से बाहर पाकिस्तान के बड़े शहरों में रहने वाले चीनी नागरिकों पर हमले शुरू कर दिए हैं।
बलूचिस्तान में अभी तक कोई महिला टाइगर सामने नहीं आई थी। लेकिन इस महिला सुसाइड बॉम्बर्स के हमले के बाद ऐसी आशंका है बलूचिस्तान लिब्रेशन फोर्स की मजीद ब्रिगेड ने भारी संख्या में महिला सैनिकों की भर्ती की है। जिन्हें अत्याधुनिक हथियार चलाने और बम धमाकों की ट्रेनिंग दी गई है। कराची यूनिवर्सिटी के गेट पर हमला करने वाली महिला बॉम्बर का नाम शारी बलोच है। वो दो बच्चों की मां है। शारी बलोच एमफिल करने के बाद टीचर थी। उसका पूरा परिवार आजादी की जंग में कूद पड़ा है।खास बात यह है कि शारी बलोच सामान्य परिवार की महिला नहीं है। उसके पति डॉक्टर हैं। अगर शारी बलोच के डॉक्टर पति पाकिस्तानी सेना या पुलिस की पकड़ में आ जाते हैं तो उनकी जिंदगी नरक बना दी जाएगी। पाकिस्तानी सेना और आईएसआई उन्हें भयानक यातनाएं देगी। इतना ही नहीं इन यातनाओं का मुजाहिरा भी किया जाएगा ताकि बलूचों में डर कायम रहे। लेकिन बलचों ने भी ठान ली है कि पाकिस्तान से मुक्ति के लिए वो कुछ भी कर गुजरने के लिए तैयार हैं।