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चीन के चक्कर में बुरी तरह फंसा Bangladesh, दोस्ती के बदले Xi Jinping से मिला आर्थिक भूचाल!

बांग्लादेश की स्थिति बिगड़ती जा रही

दुनिया के कई छोटे देश चीन की कर्ज जाल की नीती में फंस चुके हैं। चीन की चाल रही है कि, छोटे देशों को इतना कर्ज दे दो कि वो इसे वापस कर ही न पाएं और इसके बदले वहां के जरूरी जगहों पर जैसे बंदरगाहों, एय़रपोर्टों पर कब्जा कर लो। श्रीलंका इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। चीन ने जिन भी देशों को कर्ज दिया है वहां के हालात इस वक्त बेहद ही खराब हैं। श्रीलंका अपने इतिहास में सबसे बड़ी आर्थिक तबाही देख रहा है। कुछ ऐसा ही हाल अब बांग्लादेश का भी होने वाला है। क्योंकि, चीन की जाल में बांग्लादेश भी फंस चुका है और यहां भी अब धीरे-धीरे हालात खराब होते नजर आ रहे हैं।

श्रीलंका और पाकिस्तान की तो स्थिति बेहद ही बुरी है। अब इसमें बांग्लादेश भी शामिल हो गया है। नेपाल में भी चीजें बदलती नजर आ रही हैं। दरअसल, कुछ दिनों पहले बांग्लादेश में चीनी कंपनियों पर कंस्ट्रक्शन मटेरियल की चोरी का आरोप लगा था। जिसके चलते बांग्लादेश सरकार को हर साल करीब 11 अरब रुपये का नुकसान हो रहा है। इसके साथ ही चीन पर कई आरोप लगे हैं। जिसे देखते हुए ड्रैगन ने बांग्लादेश में भूमि संबंधी नियमों का उल्लघंन करने का आरोप लगा है। इसके साथ ही चीन बांग्लादेश में आर्थिक भूचाल लाना शुरू कर दिया है।

हाल ही में बांग्लादेश सरकार ने ईंधन की कीमतों में 51.7 फीसदी तक की बढ़ोतरी की। इसके साथ एक लीटर पेट्रोल 130 टका या 108.46 रुपए और एक लीटर डीजल 114 टका या 95.11 रुपए पर पहुंच गया है। ये जनता के लिए सबसे बड़ा झटका था। इसके साथ ही ये साबित हो जाता है कि, देश की आर्थिक स्थिति फिलहाल ठीक नहीं है। आने वाले दिनों में यहां पर और भी ज्यादे इस तरह के बड़े फैसले देखनो को मिल सकते हैं। बांग्लादेश सरकार ने इससे पहले आख़िरी बार 2016 में कीमतों फेरबदल किया था, जब सरकार ने कीमतें घटाई थी।

पहले से ही महंगाई झेल रही जनता पर इस तरह दोहरी मार पड़ी है। बिजली, ऊर्जा और खनिज संसाधन मंत्रालय ने फ्यूल की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर जारी किए गए बयान में कहा गया था कि, अंतरराष्ट्रीय बाजार में ईंधन के दाम में हुई वृद्धि के चलते यह फैसला हुआ है। कम दाम पर ईंधन बेचने की वजह से बांग्लादेश पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (BPC) को फरवरी से जुलाई के बीच 8,014.51 टका का नुकसान हुआ है। सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम के बाद देशभर में इसका असर देखने को मिलने लगा है। मुल्क में लोग सड़कों पर उतरने लगे हैं औऱ सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।