चीन के विदेश मंत्री वांग यी की बांग्लादेश यात्रा इन दिनों विवादों में छाई हुई है। दरअसल, बांग्लादेश ने उन्हें झटका देते हुए अपनी यात्रा की तारीखों को बदलने को कहा है। चीन के लिए ये एक इंटरनेशनल बेज्जती से कम नहीं है। ऐसा इस वजह से क्योंकि चीन ने बांग्लादेश सरकार से बातचीत के बिना वांग यी की ढाका यात्रा की घोषणा कर दी थी। चीन की तरफ से किया गया ये ऐलान बांग्लादेश के लिए भी एक झटका था, क्योंकि उन्हें वांग यी की यात्रा का कोई पता नहीं था।
वहीं चीन की इस एकतरफा घोषणा के बाद बांग्लादेश ने बात की साथ ही इसका हल निकाला है। मिली जानकारी के मुताबिक 7-8अगस्त को वांग यी बांग्लादेश की यात्रा पर आ सकते हैं। चीन और बांग्लादेश के रिश्ते लगभग अच्छे हैं। चीन का बांग्लादेश में निवेश है और इसमें वृद्धि भी हुई है, इसके बावजूद भी पिछले पांच वर्षों में ये चीन की ओर से बांग्लादेश में पहली हाई लेवल यात्रा होगी।
इस वजह से बदलनी पड़ी तारीख
तारीखों को बदलने पर बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल ने कहा, 'चीन के विदेश मंत्री ढाका में यात्रा पर आना चाहते थे। लेकिन चूंकि मैं इस दौरान न्यू यॉर्क और कंबोडिया में अपनी पूर्व निर्धारित यात्रा पर हूं, इसलिए मैंने उनसे उनकी तारीख बदलने का अनुरोध किया है।' वांग यी की बांग्लादेश यात्रा उनके क्षेत्रीय दौरे से जुड़ा है, जिसमें वह कंबोडिया और मंगोलिया समेत कुछ आसियान देशों के साथ बांग्लादेश जाएंगे।
वांग ने पिछली बार 2017 में बांग्लादेश का दौरा किया था। ढाका के राजनयिक सूत्र कहते हैं कि दोनों देशों के बीच रणनीतिक सहयोग के अलावा बीजिंग राजनीतिक और आर्थिक संकटों पर भी चर्चा कर सकते हैं। चीनी मंत्री के बांग्लादेश दौरे के दौरान दोनों देशों में कई पेंडिंग मुद्दों पर बातचीत की संभावना है। इसमें आपदा तैयारी, सांस्कृतिक सहयोग और पिरोजपुर में कोचा नदी पर बांग्लादेश-चीन मैत्री पुल को बांग्लादेश के अधिकारियों को सौंपने से संबंधित कुछ मामले हैं। ये पुल 2.96 किमी लंबा है, जिसे चीन के फंड से बनाया गया है।