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रेड आर्मी ने खतरनाक इरादे से ताइवान की ओर जबड़ा खोला, ताइपे ने कहा, आओ हम भी तैयार

Taiwan ने शुरू किया युद्धाभ्यास

ताइवान को लेकर चीन लगातार आक्रामक होते जा रहा है। चार दिन के बाद भी ताइवान के समीप चीनी सेना ने सैन्य अभ्यास खत्म नहीं किया है। तय कार्यक्रम के अनुसार यह 4 से 7 अगस्त तक चलना था, लेकिन सोमवार को भी यह जारी रहा। इसमें पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की तीनों इकाइयां शामिल हैं। ताइवान पर अगर चीन हमला करता है तो दुनिया में तीसरे विश्व युद्ध होने के आसार हो जाएंगे। चीन सैन्य अभ्यास कर ताइवान के साथ ही अमेरिका को अपनी ताकत दिखा रहा है। दरअसल, हाल ही में अमेरिकी संसद की प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी के ताइवान यात्रा पर गई थी। जिसके बाद से चीन और अधिक चीढ़ गया है। चीन पहले से ही धमकी दे रहा था कि इस यात्रा को रोका नहीं गया तो अंजाम बुरा होगा। लेकिन, चीन के आंखों के सामने पेलोसी न सिर्फ ताइवान गई बल्कि वहां से यह भी कहा कि, उसकी रक्षा अमेरिका करेगा। जिसके बाद से चीन और भी ज्यादा चीढ़ गया है। अब ताइवान ने भी चीन के हर हमले का जवाब देने के लिए कमर कस लिया है।

ताइवान ने भी चीन के इस सैन्य अभ्यास का जवाब देते हुए अपनी सुरक्षा के लिहाज से सैन्य अभ्यास किया है। समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार ताइवान की ओर से सोमवार देर रात यह सैन्य अभ्यास किया गया, जो करीब एक घंटे तक चला। ताइवान ने इस सैन्य अभ्यास की शुरुआत स्थानीय समयानुसार 12.40 बजे की, जो करीब एक घंटे बाद डेढ़ बजे तक चला। इस दौरान उसकी ओर से तोपों से गोले दागे गए और जमीनी सैन्य अभ्यास किया गया। ताइवान की ओर से किए गए इस सैन्य अभ्यास की पुष्टि वहां की आठवीं आर्मी कॉर्प्स के प्रवक्ता ए लू वी जे ने की है। उनके अनुसार इस दौरान तोपों से गोले दागे गए।

कई मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि, जब सैन्य अभ्यास के दौरान तोप से आखिरी गोला दागा गया तो उस वक्त ताइवान के सैनिकों ने चिल्लाया हमारा मिशन पूरा हुआ। ताइवान की ओर से मंगलवार को यह सैन्य अभ्सास किया गया। इसके बाद अब गुरुवार को भी सैन्य अभ्यास किए जाने की बात कही गई है। सेना का कहना है कि इस दौरान सैकड़ों सैनिकों और 40 होवित्जर तोपों की तैनाती की जाएगी।

ताइवान के इस कदम के बाद चीन की बौखलाहट और बढ़ गई है। चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वू कियान ने कहा है कि, ताइवान जलडमरूमध्य में मौजूदा तनावपूर्ण स्थिति पूरी तरह से अमेरिकी पक्ष द्वारा उकसाई और बनाई गई है। अमेरिकी पक्ष को इसके लिए पूरी जिम्मेदारी लेनी होगी और गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।