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खुफिया रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, हिंदी जानने वालों को अपनी आर्मी में शामिल कर रहा China

हिंदी जानने वालों को अपनी आर्मी में शामिल कर रहा China

चीन के इरादे इन दिनों ठीक नहीं लग रहे हैं। क्योंकि, ड्रैगन अपनी आर्मी यानी पीपल्स लिबरेशन आर्मी में हिंदी जानने वालों को भर्ती कर रहा है। खुफिया रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि, चीन ने भारत संग 2020 की झड़प के बाद से ही PLA में तिब्बतियों की भर्ती भी बढ़ा दी है। चीन हिंदी जानने वाले ग्रैजुएट युवाओं को PLA में भर्ती कर रहा है। माना जा रहा है कि, भारत के संबंध में इंटेलिजेंस जुटाने और वास्तविक सीमा रेखा के आसपास के बारे में सूचनाएं हासिल करने के लिए चीन की सेना ऐसा कर रही है।

रिपोर्ट की माने तो, वेस्टर्न थिएटर कमांड के तहत आने वाले तिब्बत मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट ने इस साल जून में इस भर्ती की शुरुआत की थी। चीनी सेना की वेस्टर्न थिएटर कमांड ही भारत से लगती सीमा की सुरक्षा का काम देखती है। तिब्बत मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट एलएसी के निचले हिस्से पर सुरक्षा का काम देखती है, जो भारत के पूर्वोत्तर राज्यों और उत्तराखंड से लगती है। इसके अलावा लद्दाख की निगरानी करने वाली शिनजियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट भी इसी कमांड के मातहत काम करती है।

खुफिया रिपोर्टों में बताया गया है कि, तिब्बत मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट ने चीन के कई कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज में विजिट की है। इस दौरान छात्रों को बताया गया है कि, उनका हिंदी के अनुवादक के तौर पर चीनी सेना में कैसे भविष्य हो सकता है। इसके साथ ही पिछले कुछ महीनों में पीएलए ने बड़ी संख्या में ऐसे तिब्बती लोगों को भर्ती किया है, जो हिंदी बोल सकते हैं। इन लोगों की तैनाती भारत से लगती उत्तरी सीमाओं पर की जा रही है। इसके साथ ही चीन 2020 में भारतीय सेना के साथ पूर्व लद्दाख में झड़प के बाद से अपनी सेना में तिब्बतियों की भर्ती बढ़ा दी है। इसकी वजह यह है कि, तिब्बतियों को लद्दाख के बारे में काफी अच्छे से जानकारी है। साथ ही सिक्किम से लगती सीमा पर भी वॉलेंटियर मिलिशिया के तौर पर तिब्बिती लोगों की चीनी सेना भर्ती कर रही है

ड्रैगन कितनी भी रणनीति बना ले लेकिन, भारत इसके हर मंसुबे को मिट्टी में मिलाने के लिए पहले से ही तैयार बैठा है। पिछले दिनों भारतीय सेना ने अपने जवानों के लिए तिब्बतोलॉजी का कोर्स शुरू किया था। इसके साथ ही चीन की मंदारिन भाषा को सीखने का कोर्स भी इंडियन आर्मी ने शुरू किया है। हाल ही में भारतीय सेना की त्रिशक्ति कॉर्प्स ने ट्वीट किया था कि तिब्बतोलॉजी कोर्स का पहला बैच सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। इसके साथ ही सेना ने कैप्शन में लिखा था, भाषा संस्कृति के लिए एक रोड मैप है।