केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद से देश की ताकत में जबरदस्त इजाफा हुआ है। अब भारत पहले जैसा नहीं रह गया इस नए भारत में तुरंत फैसला होता है। पाकिस्तान लगातार भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देकर लपुड़ी-चुपड़ी बातें कर बच जाता था। दुनिया भी जानती है कि भारत में हर आतंक के पीछे पाकिस्तान का हाथ रहा है। चाहे मुंबई ब्लास्ट रहा हो, हैदराबाद ब्लास्ट पार्लियामेंट ब्लास्ट या फिर क्यों ने उरी और पुलवामा अटैक रहा हो इसमें पाकिस्तान का ही हाथ रहा है। उरी और पुलवामा से पाकिस्तान के साथ ही दुनिया ने भी भारत की ताकत देख ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सैनिकों को खुली छुट दे दी कि हमारे हर जवानों का बलिदान जाया नहीं जाना चाहिए और एक-एक कर उसमें शामिल आतंकियों को सजा मिलनी चाहिए। जिसके बाद भारत के वीर सपूतों ने आतंकियों को घर में घुस कर मारा। इसी सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान जान गया कि, अब भारत से दूर रहने में ही भलाई है। इसके साथ ही भारत इन दिनों लगातार अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रहा है और परमाणु हथियारों की भी संख्या में इजाफा कर रहा है। जिसे देखते हुए पाकिस्तान भी अब परमाणु हथियार बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। यह एक अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में दावा किया गया है।
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान के भारत के साथ तनावपूर्ण संबंध उसकी रक्षा नीति को प्रभावित करते रहेंगे। अमेरिका की रक्षा खुफिया एजेंसी के निदेशक लेंफ्टिनेंट जनरल स्कॉट बेरियर ने कहा कि पाकिस्तान के एक नई परमाणु हथियार वितरण प्रणाली को विकसित करने की संभावना है। उन्होंने कहा कि, इमरान खान को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के पद से हटाया जाना राजनीतिक अस्थिरता के दौर को दर्शाता है। इसकी वजह है कि अगस्त 2023 से पहले पाकिस्तान में चुनाव होने की संभावना नहीं है। खान को अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से सत्ता से बाहर कर दिया गया था। जनरल स्कॉट बेरियर ने कहा कि फरवरी 2019 में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमले के बाद से भारत के साथ पाकिस्तान के संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं।
उन्होंने कहा कि, भारत के अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया। फरवरी 2021 में दोनों देशों के संघर्ष विराम समझौते को लेकर प्रतिबद्धता व्यक्त करने के बाद से सीमा-पार से हिंसा में कमी आई है। भारत और पाकिस्तान ने हालांकि तब से अभी तक दीर्घकालिक राजनयिक समाधान हासिल करने के लिए कोई सार्थक कदम नहीं उठाए हैं।
वहीं, परमाणु हथियारों को लेकर हाल ही में एक रिपोर्ट आई थी जिसमें यह दिखाया गया कि, किस देश के पास कितना परमाणु हथियार है। इसमें चीन और पाकिस्तान, भारत से काफी आगे हैं। ये स्वीडन स्थित संस्था थिंक टैक 'स्टॉकहोम इंटरनैशनल पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट की रिपोर्ट है जो पिछले साल आई थी। रिपोर्ट के अनुसार 2021 तक भारत के पास 156 परमाणु हथियार थे, वहीं पाकिस्तान के पास 165 और चीन के पास 350 परमाणु हथियार थे। वहीं, अमेरिका के पास 2020 तक अमेरिका के पास 5,550 और इसमें सबसे आगे रूस है उसके पास 6255परमाणु हथियार थे।