Brazil Declares Medical Emergency: इस वक्त दुनिया में सबकुछ ठीन नहीं चल रहा है। कई देशों में एक ओर कोरोना महामारी ने कोहराम मचाया हुआ है तो वहीं, कही देशों में युद्ध के माहौल बने हुए हैं। रूस और यूक्रेन जंग के बाद दुनिया में माहौल और खराब होते जा रहा है। इस वक्त दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी आबादी वाले देश में मेडिकल इमरजेंसी (Brazil Declares Medical Emergency) लागू कर दिया गया है। ब्राजील में स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मोडिकल इमरजेंसी लागू किया गया है। मीडिया में आ रही खबरों की माने तो, अवैध सोने की खनन के कारण कुपोषण और अन्य बीमारियों से बड़ी संख्या में बच्चे मर रहे हैं। राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला डा सिल्वा की सरकार ने शुक्रवार को फरमान में कहा कि घोषणा का उद्देश्य यानोमामी लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं (Brazil Declares Medical Emergency) को बहाल करना है, पूर्ववर्ती जायर बोल्सोनारो की सरकार ने खत्म कर दिया था।
अवैध सोनी की खनन के चलते मर रहे बच्चे
बोलसनारो के राष्ट्रपति पद के चार वर्षों में 570 यानोमामी बच्चों की मृत्यु बीमारियों से हुई। अमेजन पत्रकारिता मंच सुमाउमा ने एक एफओआईए द्वारा प्राप्त आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि इसकी मुख्य रूप से वजह कुपोषण के साथ-साथ मलेरिया, डायरिया और वाइल्डकैट गोल्ड माइनर्स द्वारा उपयोग किए जाने वाले पारे के कारण होने वाली विकृतियां रही। शनिवार को राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा ने रोराइमा राज्य में बोआ विस्टा स्थित एक यानोमामी स्वास्थ्य केंद्र का दौरा किया, जिसमें बच्चों और बुजुर्ग पुरुषों और महिलाओं की दयनीय हालत देखी गई। ये सभी कुपोषण के शिकार पाए गए।
राहत पैकेज की घोषणा
लूला ने ट्विटर पर कहा, “मानवीय संकट से अधिक मैंने रोराइमा में जो देखा वह नरसंहार था। यहां केंद्र में लोगों की स्थिति बेहद डराने और दुख पहुंचाने वाली है। लूला सरकार ने योनोमामी के 26 हजार की आबादी वाले लोगों के लिए कई राहत पैकेज की घोषणा की है। लूला ने कहा कि नई सरकार सोने के अवैध खनन को समाप्त कर देगी और पिछले 15 सालों में अमेजन में चरम पर पहुंच चुकी वनों की अवैध कटाई पर नकेल कसी जाएगी। पहली स्वदेशी महिला कैबिनेट मंत्री सोनिया गुजाजारा ने कहा, “हमें पिछली सरकार को इस स्थिति को बदतर होने देने के लिए जवाबदेह ठहराना चाहिए।
आवाज उठाने वालों को सुला दिया जाता है मौत की नींद
बता दें कि, ब्राजिल के इस हिस्से में दशकों से सोने के अवैध कारोबान ने स्थानीय लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है। हाल ही में यहां कई हिंसक घटनाएं भी हुई हैं। अवैध खनन का विरोध करने वाले लोगों का कत्लेआम कर दिया जाता है।
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