कनाडा (Canada) में रह रहे भारतीय समुदाय के लोगों और खालिस्तान अलगाववादी आंदोलन के सदस्यों के बीच दिवाली की रात विवाद की खबर सामने आई है। जानकारी के मुताबिक घटना कनाडा के मिसिसॉगा शहर की है। इस घटना से जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया (Social Media) पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। इन वीडियो में मिसिसॉगा में एक दिवाली पार्टी में दो समूहों को देखा जा सकता है। एक तिरंगा पकड़े हुए हैं और दूसरा खालिस्तान का झंडा पकड़े हुए हैं। पील पुलिस ने बाद में पुष्टि की कि विवाद में एक व्यक्ति घायल हो गया। व्यक्ति को मामूली चोटें आईं और पैरामेडिक्स द्वारा उसका इलाज किया गया।
स्थानीय मीडिया की खबर के मुताबिक शुरुआत में ऐसी खबर थी कि माल्टन में गोरेवे डॉ. और एटूड डॉ. में एक पार्किंग स्थल में हुई लड़ाई में 400 से 500 लोग शामिल थे। वहीं शेयर किए गए वीडियो में पुलिस अधिकारियों को लोगों के दो समूहों के बीच खड़ा दिखाया गया है, जिसमें एक समूह भारतीय राष्ट्रीय ध्वज और दूसरा खालिस्तान के झंडे पकड़े हुए है, पुलिस दोनों समूहों के बीच गतिरोध को समाप्त करने की कोशिश कर रही है।
पुलिस ने क्या कहा?
पुलिस ने इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं की है। वहीं टोरंटो सिटीन्यूज से बात करते हुए, पील पुलिस कांस्टेबल मंदीप खटरा ने कहा कि झगड़े अलग-थलग थे और पूरे समूह लड़ाई में शामिल नहीं थे। पुलिस ने कहा, हमें मूल रूप से दो समूहों के बीच लड़ाई होने की सूचना मिली थी। हम मौके पर पहुंचे तो कई लोग चीख चिल्ला रहे थे। यह दिवाली उत्सव के रूप में निर्धारित किया गया था और पुलिस शांति बनाए रखने के लिए इलाके में रही और भीड़ के तितर-बितर होने तक इलाके में मौजूद रही।
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कनाडा ने पिछले कुछ महीनों में एक अलग खालिस्तानी राज्य के निर्माण के प्रति सहानुभूति रखने वालों के नेतृत्व में भारत विरोधी गतिविधियों में वृद्धि देखी है। खालिस्तानी राज्य के समर्थकों ने राजधानी टोरंटो सहित कई कनाडाई प्रांतों में हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ करने में भी भाग लिया है, जहां उन्होंने बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर में तोड़फोड़ की थी।