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चीन और अमेरिका के बीच सी-केबल को नियंत्रित करने को लेकर घमासान

अमेरिका और चीन के बीच सी केबल को लेकर संघर्ष

फिलहाल संयुक्त राज्य अमेरिका ने अंतर्राष्ट्रीय उप-समुद्री इंटरनेट केबलों के नियंत्रण को लेकर चीन पर एक बढ़त बना ली है।यह बढ़त दुनिया की सबसे बड़ी और दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के बीच तीव्र प्रतिद्वंद्विता का एक और मोर्चा बन गयी है।

उस समय ज़बरदस्त भू-राजनीतिक संघर्ष स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा था, जब एक अमेरिकी सबसी केबल कंपनी आई सबकॉम एलएलसी ने दक्षिण पूर्व एशिया-मध्य पूर्व-पश्चिमी यूरोप 6, या सीमेवे-6, इंटरनेट केबल बनाने का अनुबंध हासिल कर लिया था।

समुद्र के नीचे 19,200 किलोमीटर लंबी SeaMeWe-6 केबल मलेशिया, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव, भारत, पाकिस्तान, जिबूती, सऊदी अरब, मिस्र, ग्रीस और इटली से गुज़रते हुए सिंगापुर को मार्सिले, फ्रांस से जोड़ेगी। इसके शेड्यूल के मुताबिक फाइबर ऑप्टिक केबल बिछाने का काम 2025 की पहली तिमाही में पूरा हो जाना चाहिए।

यह अनुबंध कभी भी अर्थशास्त्र और मुक्त प्रतिस्पर्धा को लेकर नहीं था। इसके बजाय, इसने वैश्विक उत्थान के लिए चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच एक टाइटैनिक शक्ति संघर्ष को प्रतिबिंबित किया। चीन को नीचे रखने की इस क़वायद में वाशिंगटन केबल लिंक को हांगकांग के साथ जोड़ने की अनुमति नहीं देने पर अड़ हुआ था, जो कि चीन के वास्तविक नियंत्रण में है, जिससे बीजिंग को डेटा ट्रांसफर में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया गया। इसके अलावा, अमेरिका दुनिया में अग्रणी डेटा-संचालित वित्तीय केंद्रों में से एक के रूप में हांगकांग की स्थिति को कमजोर करना चाहता हैं।यह एक ऐसी स्थिति है,जिसे सबसे आधुनिक और उच्च गति वाले अंडरसी केबल नेटवर्क द्वारा पोषित किया जा सकता है।

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, 400 से अधिक केबल समुद्र तल से गुज़रती हैं, जो सभी अंतर्राष्ट्रीय इंटरनेट ट्रैफ़िक का 95% से अधिक हैं। इस रिपोर्ट में अमेरिकी सरकार के एक अधिकारी और दो सुरक्षा विश्लेषकों का हवाला देते हुए कहा गया है कि ये डेटा चैनल, जो ईमेल और बैंकिंग लेनदेन से लेकर सैन्य गोपनीयता तक सब कुछ प्रसारित करते हैं, तोड़फोड़ वाले हमलों और जासूसी के लिहाज़ से असुरक्षित हैं।

इसके अलावा, जासूसी एजेंसियां अपने क्षेत्र से गुज़रने वाले इंटरनेट केबलों में आसानी से टैप कर सकती हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया की ख़ुफिया एजेंसियों के लिए यह अंडरसी केबल ” निगरानी करने वाला समृद्ध स्रोत” थी।

रिपोर्ट बताती है कि किस तरह चीनियों को उनकी बहुत कम बोली के बावजूद परियोजना से व्यवस्थित रूप से बाहर कर दिया गया।

2020 में SubCom के पक्ष में जाने से पहले कभी Huawei Marine Networks Co Ltd के नाम से जानी जाती HMN Technologies Co Ltd को SeaMeWe-6 इंटरनेट केबल बनाने और बिछाने के लिए चुना गया था। इसकी  500 मिलियन डॉलर की बोली SubCom की पेशकश से एक तिहाई कम थी।

, रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि, अमेरिकी सरकार के हस्तक्षेप ने एचएमएन टेक्नोलॉजीज को दौड़ से बाहर होने के लिए मजबूर कर दिया। वास्तव में अमेरिकी व्यापार और विकास एजेंसी (यूएसटीडीए) ने केबल रूट पर देशों में पांच दूरसंचार कंपनियों को 3.8 मिलियन अमेरिकी डॉलर का प्रशिक्षण वित्त पोषण प्रदान किया।

यूएसटीडीए के मुताबिक़ इस रिपोर्ट में कहा गया है, “भारत की भारती एयरटेल लिमिटेड के स्वामित्व वाली कंपनी टेलीकॉम एजिप्ट और नेटवर्क i2i लिमिटेड को 1 मिलियन डॉलर मिले हैं। जिबूती टेलीकॉम, श्रीलंका टेलीकॉम और मालदीव के धिवेही राजजे गुलहुन में से प्रत्येक को  600,000 डॉलर मिले।”

इस मूल्य युद्ध में प्रतिस्पर्धा की आशा करते हुए SubCom ने अपनी बोली लगभग 600 मिलियन डॉलर तक कम कर दी थी, लेकिन आगे रहने वाला HMN  ने इसके प्रस्ताव को और घटाकर $475 मिलियन कर दिया।

मगर, निवेशकों को चीनियों का समर्थन करने से यह चेतावनी देकर रोका गया कि चीनी कंपनियों को अमेरिका द्वारा प्रतिबंधित किए जाने की संभावना है और यह एक ऐसा क़दम होगा, जो उनके समग्र व्यवसायों के लिए विनाशकारी होगा।

रिपोर्ट में कहा गया है, “अमेरिकी राजनयिकों ने भाग लेने वाले विदेशी दूरसंचार वाहकों को आगाह किया कि वाशिंगटन एचएमएन टेक पर गंभीर प्रतिबंध लगाने की योजना बना रहा है, जो केबल परियोजना में उनके निवेश को जोखिम में डाल सकता है।”

विश्लेषकों का कहना है कि यह केबल युद्ध 5G नेटवर्क के आगमन के साथ बढ़ गया था, जो कुशलतापूर्वक काम करने के लिए केबलों के माध्यम से प्रसारित डेटा की प्रचुर मात्रा का इस्तेमाल करते हैं।

अंत में चाइना टेलीकॉम और चाइना मोबाइल, जिनके पास परियोजना में 20% हिस्सेदारी थी, उसने अपनी हिस्सेदारी वापस ले ली। उनकी हिस्सेदारी टेलीकॉम मलेशिया बेरहाद और पीटी टेलीकोमुनिकासी इंडोनेशिया इंटरनेशनल द्वारा ली गई।

भारी झटके के बावजूद चीनियों से भविष्य की परियोजनाओं में संघर्ष की उम्मीद की जा सकती है। आख़िरकार अपस्टार्ट हुआवेई मरीन नेटवर्क्स कंपनी लिमिटेड को बड़ी कठिनाई के साथ समुद्र के नीचे फाइबर ऑप्टिक केबल बिछाने वाली कंपनियों की बड़ी लीग में शामिल होना पड़ा, जिसमें अमेरिका की सबकॉम, जापान की एनईसी कॉर्पोरेशन और फ़्रांस की अल्काटेल सबमरीन नेटवर्क्स, इंक शामिल हैं।

2008 के बाद से टियांजिन-आधारित हुआवेई टेक्नोलॉजीज ने पापुआ न्यू गिनी और कैरेबियन में पहली बार छोटे केबल सिस्टम का निर्माण करते हुए मैदान में प्रवेश किया था।

लेकिन, 2022 तक HMN Tech, TeleGeography द्वारा उपलब्ध कराये गये आंकड़ों के अनुसार, सबसे तेज़ी से बढ़ने वाला निर्माता और सबसी केबल का लेयर बन गया था। फिर भी, सबसे बड़ी चुनौतियां सामने आ सकती हैं, क्योंकि चीन और अमेरिका के बीच भू-राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता इस समय चरम पर है।