चीन (China) की पैंतरेबाजी और उसके हड़पने की भूख के चलते सीमा साझा करने वाले सभी देश तन आ गए हैं। ऐसे में अब अमेरिका में भी चीन अपनी पैंतरेबाजी से बाज नहीं आ रहा। लेकिन चीन वहां पूरी तरह से विफल होते नजर आया है जिसके बाद से उसे खूब मिर्ची भी लगी हुई है। जी हां पिछले दिनों से अमेरिका में घूम रहे जासूसी गुब्बारे को अमेरिकी फाइटर जेट ने मार गिराया है जिसके बाद से ही ड्रैगन तिलमिलाया हुआ है। क्योंकि अमेरिका ने खुद भी ड्रैगन के जासूसी गुब्बारे की पोल खोलनी शुरू कर दी है। अमेरिका ने कहा है कि यह चीनी जासूसी गुब्बारा 200 फुट ऊंचा था और एक बड़े यात्री विमान के बराबर वजनी पेलोड लेकर जा रहा था। कई विशेषज्ञों ने यह भी कहा है कि इस गुब्बारे में विस्फोटक भी लगा हुआ हो सकता है। वहीं इसकी अमेरिकी नौसेना (us Navy) ने जांच शुरू कर दी है। पेंटागन के एक अधिकारी ने पुष्टि की है कि इस गुब्बारे में विस्फोटक हो सकता है। अमेरिका को उम्मीद है कि इसके मलबे से चीन के पूरे जासूसी नेटवर्क के बारे में बड़ा खुलासा हो सकता है।
गुब्बारे का वजन हजारों किलो
द टेलिग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक इस गुब्बारे का वजन हजारों किलो था और उसमें खुद को तबाह करने के लिए विस्फोटक भी लगा हुआ था। इससे पहले अमेरिका के एफ-22 फाइटर जेट ने इस गुब्बारे को मार गिराया था। अब इसके मलबे को अमेरिकी अधिकारी दक्षिणी कैरोलिना में समुद्र के अंदर से निकाल रहे हैं। इस चीनी जासूसी गुब्बारे से अमेरिका और चीन के बीच रिश्ते काफी खराब हो गए हैं ।
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चीनी गुब्बारे के मलबे से मिलेगी जानकारी
पेंटागन ने बताया कि अमेरिकी नौसेना सोनार का इस्तेमाल करके इस गुब्बारे के मलबे को निकालने का प्रयास कर रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की प्रेस सेक्रेटरी ने कहा कि इस जासूसी गुब्बारे के मलबे से यह शानदार मौका मिलेगा कि चीन (China) के जासूसी गुब्बारों के बारे में काफी सूचना हासिल की जा सके। उन्होंने कहा कि इसी वजह से हमने उसे समुद्र में गिराया ताकि चीनी गुब्बारे के मलबे को हासिल किया जा सके।
क्या बोले जो बाइडन
बाइडन ने सोमवार को कहा कि चीन (China) ने अमेरिकी महाद्वीप में गुब्बारों को उड़ाने का दुस्साहसपूर्ण कृत्य किया क्योंकि वे चीनी सरकार है। बाइडन ने वाइट हाउस में कहा, ‘वे चीनी सरकार है।’ बाइडन ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘गुब्बारे और अमेरिका पर जासूसी करने का प्रयास कुछ ऐसा है जिसकी चीन से अपेक्षा की जा सकती है। सवाल यह है कि जब हमने चीन से पूछा कि वे क्या कर रहे हैं, तो उन्होंने इस बात से इनकार नहीं किया कि यह उनका गुब्बारा नहीं है। उन्होंने सिर्फ इसके पीछे के मकसद से इनकार किया।