कोरोना के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। जिसके चलते लोगों के बीच फिर से डर का माहौल पैदा हो रहा हैं। बीते 24 घंटे में कोरोना के 31, 923 मामले सामने आए हैं, वहीं 282 लोगों की मौत हो चुकी हैं। जिसके चलते देश में करोना से मौतों का आंकड़ा बढ़कर 4,46,050 हो गया हैं। वहीं कुल सक्रिय कोरोना के मरीजों की संख्या 3, 01, 604 तक पहुंच गई हैं। कोरोना वायरस को लेकर दुनियाभर के वैज्ञानिक रिसर्च में जुटे हुए हैं। माना जाता हैं कि चीन में चमगादड़ के कारण ही इंसानों के बीच कोरोना वायरस फैला था। जिसके बाद ये तेजी के साथ दुनियाभर में फैला और करोडो़ं लोगों की जान ले ली।
कोरोना वायरस का खतरा अभी भी मंडाराया हुआ हैं। इनको लेकर वैज्ञानिकों ने अपनी एक रिसर्च में खुलासा किया हैं कि एशिया की गुफाओं में कई ऐसे चमगादड़ हैं, जिनमें कोरोना संक्रमण के लक्षण देखने को मिले हैं। ऐसे में ये चमगादड़ लोगों के घातक साबित हो सकते हैं। दरअसल, वैज्ञानिकों ने एशिया के लाओस की गुफाओं में चमगादड़ को लेकर रिसर्च किया। इस रिसर्च में जो सामने आया, उसे देख वैज्ञानिक हैरान रह गए। चमगादड़ों में कोरोना संक्रमण जैसे लक्षण देखने को मिले। वैज्ञानिकों ने खुलासा किया हैं कि ये चमगादड़ इंसानों को सीधे संक्रमित कर सकते हैं।
कोरोना को लेकर वैज्ञानिकों ने दावा किया था कि चीन के वुहान लैब में चमगादड़ों पर प्रयोग के दौरान लीक होने से कोरोना का संक्रमण फैला था। इस संक्रमण ने तेजी से लोगों को अपना निशाना बनाया। वहीं कुछ वैज्ञानिकों का तो ये भी दावा हैं कि चीन में कोरोना वायरस के मामले साल 2016 में ही आने शुरु हो गए थे, लेकिन ये खबर चीन ने छिपाई रखी। कोरोना वायरस हॉर्सशू चमगादड़ों के कारण फैला। बताया जाता हैं कि इन्ही चमगादड़ों की वजह से साल 2002 में सार्स नाम की बीमारी फैली थीं।