भारतीय जवानों के साहस और उनकी ताकत के बारे में पाकिस्तान और चीन दोनों देशों को ही अच्छे से पता है। उरी-पुलवामा का बदला भारत ने पाकिस्तान के घर में घुस कर लिया था। वहीं, चीन जब गलवान घाटी में कब्जा करने आया तो यहां पर भारत के जवानों ने उसे ऐसा सबक सिखाया कि चीन को अब तक हजम नहीं हो पाया है। चीन लगातार घुसपैठ की फिराक में है जिसके लिए वो एलएसी के पास भारी मात्रा में आर्मी तैनात कर रखा है और साथ ही यहां पर सैन्य अड्डे बना रहा है। इधर भारत ने भी बॉर्डर पर चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह से कमर कस कर रखी है। एलएसी पर चीन एक बार फिर से अपनी घटिया हरकतें करने पर उतारू हो गया है कि, यहां पर नए हाइवे का निर्माण कर रहा है। चीन ऐसा कर भारत संग अपने रिश्ते और भी ज्यादा खराब कर रहा है। इस बार उसे सबक सिखाने के लिए भारतीय वैयुसेना तैयार बैठी है। क्योंकि, हाल ही में इंडियन एयरफोर्स चीफ ने कहा था कि, वो चीन की हर एक गतिविधियों पर नजर बनाकर रखे हुए हैं और मुंह तोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है।
चीन की बड़ी साजिश का खुलासा सैटेलाइट तस्वीरें से हुआ है, जिसमें वो वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर एक हाईवे बना रहा है। चीन जो नया हाईवे बना रहा है, उसे G695 नाम दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, LAC के पास चीन ने 14 नए एयरपोर्ट बनवाए है। इसके अलावा वह अक्साई चिन में झील के पास हेलिकॉप्टर बेस भी बना रहा है। इस हाईवे के कोना काउंटी से चलने की उम्मीद है। इसमें कहा गया है कि नियोजित सड़क तिब्बत, नेपाल और भारत के बीच बुरांग काउंटी के साथ-साथ नगारी प्रान्त में जांडा काउंटी से होकर जाएगी, जिसके कुछ हिस्से भारत के कब्जे में हैं। वहीं, 'साउथ चाइना मॉर्निंग' पोस्ट का कहना है कि, लुंजे काउंटी अरुणाचल प्रदेश का हिस्सा है, जिसे चीन दक्षिण तिब्बत के हिस्से के रूप में दावा करता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले सप्ताह जारी योजना के तहत G695 के रूप में जाना जाने वाला राजमार्ग के कोना काउंटी के माध्यम से चलने की उम्मीद है, जो एलएसी के उत्तर में सिक्किम की सीमा से लगे कम्बा काउंटी और नेपाल की सीमा के पास ग्यारोंग काउंटी से होकर गुजरेगा। नए निर्माण का ज्यादा विवरण स्पष्ट नहीं है, लेकिन राजमार्ग पूरा होने पर एलएसी पर देपसांग मैदान, गलवान घाटी और हॉट स्प्रिंग्स जैसे गर्म विवादित क्षेत्रों के पास भी जा सकता है। हांगकांग मीडिया में आई इस खबर पर अब तक यहां कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। भारत पहले भी कह चुका है कि वह अपनी सीमा पर सभी गतिविधियों पर नजर रखता है।