पूरी दुनिया में शायद ही चीन एकमात्रा ऐसा देश हो जो सबसे ज्यादा बेशर्म है। क्योंकि, ड्रैगन के चलते एक दो नहीं बल्कि दुनिया के कई सारे देश परेशान है। चीन ऐसी-ऐसी हरकतें करता है जिसके चलते उसे बेशर्म कहना गलत नहीं होगा। उसका किसी एक देश के साथ विवाद नहीं है बल्कि कई सारे देशों के साथ है। खासकर जो उससे सीमा साझा करते हैं। चीन ताइवान को अपना बताता है और इन दिनों तो उसपर कब्जा करने के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है। चीन तीब्बत को अपना कहता है, भूटान को अपना कहता है, नेपाल के कुछ हिस्सों को अपना कहता है, मंगोलिया के हिस्सों पर कब्जा कर चुका है। भारत में अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव जारी है, भारत में चीन की दाल नहीं गली यहां भारतीय जवानों ने ड्रैगन को ऐसा सबक सिखाया की उसका जख्म आज भी भरा नहीं है। उधर समुद्री क्षेत्रों की बात करें तो ये वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया, जापान संग अन्य देशों के समुद्री क्षेत्रों पर भी अपना दावा करता है। आने वाले दिनों में चीन को इसके लिए बेहद भी खौफनाक हालात से गुजरना पड़ सकता है। इन सब के बीच अब चीन पाकिस्तानी आतंकियों को भारत के खिलाफ इस्तेमाल करने के लिए नई चाल चल रहा है।
कश्मीर में जब पाकिस्तान कुछ नहीं कर पा रहा था तो ऐसे में चीन अब आतंकी संगठनों के साथ मिल गया है। इसके साथ ही म्यांमार सीमा पर भी ड्रैगन दखल दे रहा है। जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा से जुड़े आला अधिकारियों का कहना है कि चीन की पाकिस्तान की एजेंसियों के साथ मिलीभगत के कई प्रमाण घाटी में लगातार मिल रहे हैं। चीन परदे के पीछे से लगातार आतंकी संगठनों का मनोबल घाटी में बढ़ा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि, चीन की शह से ही आतंकी संगठनों का सीमापार विस्तार हो रहा है और किसी भी तरह से नकेल नहीं कसी जा रही है। खुद कई मोर्चों से घिरा चीन भारत में अस्थिरता फैलाने वाली ताकतों को मदद कर भारत को उलझने की जुगत में लगा रहता है। इसलिए वो अंतर्राष्ट्रीय मंच पर आतंकियों का समर्थन करता है। साथ ही अपने हथियार और उपकरण आईएसआई के जरिए आतंकी संगठनों तक पहुंचा रहा है।
BSF के पूर्व एडीजी पीके मिश्रा का कहना है, चीन की तकनीक, ड्रोन और हथियार पाकिस्तानी आतंकियो तक पहुंच रहे हैं। सोचिए पाकिस्तान और चीन दोनों ही कितना हद तक गिरे हुए हैं कि भारत में दहशत फैलाने के लिए एक साथ हो गए। वो भी ऐसे समय में जब पाकिस्तान में आर्थिक मंदी का दौर चला रहा है और चीन का कई देशों के साथ तनाव। लेकिन, इसके बाद भी चीन भारत के खिलाफ पाकिस्तानी आतंकियों को पाल पोस रहा है। सीमा पार अब भी आतंकी कैंप और उसमें सक्रिय आतंकियों के मौजूद होने की सूचना भारतीय एजेंसियों के पास है।
खबरों की माने तो, पाकिस्तानी आतंकियो को चीनी मदद के पुख्ता सबूत है। लेकिन सीधी भागीदारी की बात कहने से एजेंसियां बचती हैं। पाकिस्तान सीमा से आए ड्रोन, मुठभेड़ में मारे गए आतंकियो के पास से चीनी हथियार, सुरंग में चीनी तकनीक का इस्तेमाल आदि तथ्य साफ चीनी मिलीभगत का इशारा करते हैं। चीन की ओर से हथियार, ड्रोन आईएसआई को दिए जाने के पुख्ता इनपुट एजेंसियों को मिले हैं। चीन ही नहीं बल्कि, तुर्की भी आतंकियों का साथ देने का भागीदार है। क्योंकि, पाकिस्तान को तुर्की से भी अत्याधुनिक ड्रोन और हथियार मिल रहे हैं। ये ड्रोन रात और दिन हर वक्त कार्रवाई में सक्षम हैं।
पाकिस्तान सीमा के अलावा एजेंसियों को इनपुट मिला है कि, चीनी सेना म्यांमार सीमा पर भी हथियारबंद उग्रवादी गुटों को मदद कर रही है। म्यांमार सीमा पर हथियारों की आपूर्ति करके और उग्रवादियों को ठिकाने प्रदान कर चीनी सेना द्वारा मदद की जा रही है। चीन जो भी कर रहा है वो अपने ही आगे कांटे बीचा रहा है जिसपर वो आने वाले दिनों पर चलेगा तो उसे ही चूभेगा। क्योंकि, अब बहुत ज्यादा दूर नहीं है जब सारे ताकतवर देश एक साथ मिलकर चीन पर हमला बोलेंगे और ड्रैगन को काबू में करेंगे। माना जा रहा है कि, चीन ने ताइवान पर जैसे ही हमाल बोला वैसे ही अमेरिका और नाटो भी चीन पर हमला बोल देंगे।