अमेरिकी संसद की प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी के ताइवान यात्रा से चीन चीढ़ा हुआ है। पेलोसी ने अपनी इस यात्रा पर यह साफ कर दिया कि, अमेरिका किसी भी कीमत पर अब ताइवान का साथ नहीं छोड़ेगा। उनकी इस यात्रा को चीन ने उकसावा बताया और इसी के बाद ताइवान के आसपास के छह क्षेत्रों में मिसाइल दागने समेत सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया था। उसने धमकी भी दी कि अगर जरूरत पड़ी तो ताइवान पर बलपूर्वक कब्जा जमा लेगा। अब चीन ने ताइवान की जमीन पर मिसाइलें दागी हैं।
चीन लगातार चार दिनों से ताइवान के आसपास के समुद्री और जमीनी क्षेत्रों पर मिसाइलें दाग रहा है और लड़ाकू विमान भी उड़ा रहा है। रविवार को ताइवान के पास आईलैंड अटैक ड्रिल को चीन ने अंजाम दिया है। चीन ने अपने सैन्य अभ्यास के दौरान ताइवान के पास जमीनी हमले किए हैं। उसका मकसद इनके जरिये ताइवान को डराना है। चीन लगातार ताइवान और उसके आसपास के क्षेत्र को अपना बताता आया है। वह इस पर दावा पेश करता है। चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की ईस्टर्न थियेटर कमांड ने एक बयान में कहा है कि चार दिन के सैन्य अभ्यास के दौरान ईस्टर्न थिएटर कमांड एयरफोर्स और पीएलए के कई लड़ाकू विमानों ने चरणबद्ध तरीके से जमीनी तौर पर हमलों का अभ्यास किया है। इस दौरान सेना का ध्यान मिसाइल हमलों और जमीनी हमलों को एक साथ करने पर था।
हालांकी अभी तक चीन सरकार या उसकी सेना की ओर से अब तक सैन्य अभ्यास को खत्म करने को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। वहीं, चीन ने अमेरिका से भी कुछ क्षेत्रों में अपने रिश्ते तोड़ने का ऐलान किया था। चीन की ओर से अमेरिका के साथ सैन्य और रक्षा क्षेत्र के कई समझौतों को भी तोड़ने की बात कही गई थी। ताइवान ने कहा है कि उसे ताइवान जलडमरूमध्य के आसपास चीनी विमानों, जहाजों और ड्रोन के संचालन के बारे में लगातार जानकारी मिल रही है। ताइवान जलडमरूमध्य चीन और ताइवान को अलग करता है। इस बीच, ताइवान की सरकारी सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने कहा कि ताइवान की सेना चीनी सेना के अभ्यास के जवाब में मंगलवार और गुरुवार को दक्षिणी पिंगतुंग काउंटी में अभ्यास करेगी।