इस वक्त रूस और यूक्रेन के बीच जंग की शुरुआत हो गई है और रूस ने यूक्रेन के दो प्रांतों पर अपना कब्जा जमाकर उन्हें आजाद मुल्क घोषित कर दिया है। ऐसे में चीन को भी ताइवान को अपना क्षेत्र बनाने की लालसा जाग उठी है। ड्रैगन कुछ समय से लगातार ताइवान के क्षेत्र में अपने लड़ाकू विमान भेजकर धमकाने की कोशिश कर रहा है। रूस के बाद अब ड्रैगन की भी ताइवान को हड़पने की लालसा और बढ़ गई है।
दरअसल, ताइवान में यूक्रेन जैसी स्थिति बताए जाने पर चीन भड़क उठा है और कहा है कि, ताइवान उसका अविभाज्य हिस्सा है। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि, यह एक निर्विवाद ऐतिहासिक और कानूनी तथ्य है कि ताइवान, चीन का हिस्सा है। चीन ने कहा है कि पूरी दुनिया वन चाइना पॉलिसी को मानती है। चीन के लोगों के पास राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने का दृढ़ संकल्प और क्षमता है। इसके साथ ही चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन की यह टिप्पणी एक सवाल के बाद आई है जिसमें रूस के यूक्रेन के अलग राज्य नहीं होने के दावे की तुलना ताइवान पर बीजिंग के दावों से की गई है। हालांकि, यूक्रेन की स्थिति पर चीन के रुख के बारे में पूछे जाने पर, वेनबिन ने कहा कि अंतर को बातचीत और बातचीत के माध्यम से सुलझाया जाना चाहिए।
चीन ने यूक्रेन मसले को लेकर कहा है कि, किसी भी देश की वैध सुरक्षा चिंताओं का सम्मान किया जाना चाहिए और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धातों को संयुक्त रूप से बरकरार रखा जाना चाहिए। चीन ने सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की है।
गौरतलब हो कि चीन, दशकों के अलग शासन के बाद भी ताइवान को एक अलग प्रांत के रूप में मानता है। चीन लगातार ताइवान को धमकियां दे रहा है और सैन्य रूप से भी कब्जा करने की धमकी दे रहा है। चीन का कहना है कि वह हर हाल में ताइवान को लेकर रहेगा।