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इस देश के White Gold पर है China की बुरी नज़र, दिया 10 अरब डॉलर के निवेश का ऑफर

China has an evil eye on White Gold: अफगानिस्तान में तालिबान शासन के कई महीने बीत जाने के बाद भी आर्थिक स्थिति नहीं सुधरी है। देश में गरीबी और भूखमरी की स्थिति अभी भी बरकरार है। इस बीच ड्रैगन (China) की अफगानिस्तान के खजाने पर पैनी नजर है। तालिबान के कब्जे और अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद चीन अब अफगानिस्तान की धरती में छिपे खजाने पर नजर गड़ाए हुए है। अफगानिस्तान दुनिया के सबसे गरीब देशों में गिना जाता है। यहां 3.4 करोड़ अफगानी रहते हैं। रूढ़ीवादी विचारधारा वाले तालिबान ने अफगानिस्तान में ऐसा कुछ नहीं किया है, जिससे उसके लोगों को फायदा हो सके। यहां आय के स्रोत बेहद कम हैं। लेकिन तालिबान की जमीन सफेद सोना यानी लिथियम से भरी पड़ी है। जब अमेरिका ने अफगानिस्तान पर हमला किया था तब दुनिया में टेस्ला, आईफोन और आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस नहीं आया था और न ही दुनिया में इलेक्ट्रिक वाहनों  का चलन था।

White Gold पर है China की बुरी नज़र

अफगानिस्तान के अछूते खनिज भंडार को दुनिया नजरअंदार नहीं कर रही है। हालांकि अमेरिका इन खनिजों को निकलाने से दूर है। लेकिन चीन है जिसकी करीबी अफगानिस्तान के साथ बढ़ रही है। 2021-22 तक लिथियम की कीमत आठ गुना बढ़ी है, जिसके कारण चीनी अफगानिस्तान की ओर आकर्षित हुए हैं। चीन नौकरियां देने और बुनियादी ढांचे के निर्माण के नाम पर तालिबान के साथ 10 अरब डॉलर का लिथियम सौदा करना चाहता है। हालांकि तालिबान भी कह चुका है कि वह चीन को लिथियम रिजर्व देने की जल्दी में नहीं है।

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दो दशक में दुनिया बहुत बदल गई है। EV की डिमांड आज तेजी से बढ़ी है। इन सभी में एक जरूरी चीज पड़ती है, जिसे लिथियम कहा जाता है। लीथियम की डिमांड आज अपने उच्चतम स्तर पर है। अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी का अनुमान है कि 2040 तक लिथियम की मांग 2020 की तुलना में 40 गुना बढ़ जाएगी। ‘द रेयर मेटल्स वॉर’ पुस्तक के लेखक गिलाउम पिट्रॉन ने कहा, ‘अफगानिस्तान लिथियम के विशाल भंडार पर बैठा है, जिसका आज तक दोहन नहीं हुआ है।’

देश की गरीबी हो सकती है खत्म

अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुताबिक अफगानिस्तान भविष्य में दुनिया में लिथियम का प्रमुख स्रोत बन सकता है। पेंटागन के एक आंतरिक मेमो में तो यहां तक कह दिया गया कि अफगानिस्तान लिथियम का सऊदी अरब बन सकता है। इसके अलावा न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगानिस्तान में लोहा, तांबा, कोबाल्ट और सोने का इतना बड़ा भंडार है कि यह देश की गरीबी को खत्म कर उसे महत्वपूर्ण खनन केंद्रों में बदल सकता है।