रूस (Russia) का नया लड़ाकू विमान सुखोई एसयू-35 की चारों तरफ चर्चा है। खास बात इस लड़ाकू विमान को खरीदने की इच्छा दुनिया के कई देशों ने जताई है। इस बीच चीन ने भी एसयू-35 की जमकर तारीफ की है। चीन के पास वर्तमान में 24 एसयू-35 लड़ाकू विमान खरीदे हैं। ऐसे में जानें सुखोई एसयू-35 (Sukhoi Su-35) में क्या खास है। पीआईआर सेंटर में एशियन सिक्योरिटी प्रोजेक्ट के डॉयरेक्टर वादिम कोजुलिन ने कहा कि सुखोई एसयू-35 लड़ाकू विमान हवा में मनुवर करने के मामले में अद्वितीय है। इस विमान में बड़े भार तो ले जाने की क्षमता है। एसयू-35 हवा और जीम दोनों लक्ष्यों के खिलाफ काम करने के मामले में अद्वितीय है।
एसयू-35 में एक डिजिटल कॉम्प्लेक्स है, जो सस्ते अनगाइडेड बमों का उपयोग करके काफी सटीक हमला करने की अनुमति देता है। यह एक यूनिवर्सल मशीन है, जिसमें नई टोही, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, एवियोनिक्स, गाइडेंस के लिए नए-नए उपकरण लगाए गए हैं। एसयू-35 सिंगल-सीट, ट्विन-इंजन, सुपरमैन्यूएवरेबल एयरक्राफ्ट सुखोई Su-27 फाइटर का एक वेरिएंट है। इसे कई अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस किया गया है। Su-35 एक 4++ पीढ़ी का युद्धक विमान है जो पांचवीं पीढ़ी की लड़ाकू तकनीक का उपयोग करता है।
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इस लड़ाकू विमान को डिजाइन करने वाली रूसी कंपनी यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन के मुताबिक एसयू-35 को हर परिस्थितियों में उड़ान भरने और लड़ने के लिए बनाया गया है, जहां क्लासिक (4+ पीढ़ी) लड़ाकू विमान असमर्थ हो जाते हैं। एसयू-35 लड़ाकू विमान सुपरसोनिक स्पीड से लंबी दूरी तक उड़ान भरने में सक्षम है। यह आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम से भी लैस है। चीन पहले से ही रूसी मूल के कई लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल करता है। चीन के पास इन विमानों के उत्पादन का लाइसेंस भी है। चीनी वायु सेना के J-11 और J-16 जेट रूसी लड़ाकू विमानों की कॉपी हैं। इसके अलावा जे-15 भी रूसी डिजाइन पर ही आधारित है।