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Tibet में China बनाने जा रहा है 3डी प्रिंटेड बांध, इसका निर्माण इंसान नहीं बल्कि ये करेंगे…

ड्रैगन Tibet में बनाने जा रहा है 3डी प्रिंटेड बांध

चीन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काफी आगे है। कोरोना काल में भी देखा गया था कि शंघाई की सड़कों पर चीन के रोबोट गश्त लगा रगे थे और लोगों को कोविड नियमों का पालन करने के लिए कह रहे थे। अब चीन बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल करते तिब्बत में एक बांध बना रहा है। सबसे खास बात यह है कि, यह बांध किसी इंसान द्वारा नहीं बनाया जाएगा। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि, कथित तौर पर 3डी प्रिंटिंग तकनीकों का इस्तेमाल करके एआई के जरिए इस चीन इस बांध का निर्माण करेगा।

चीन ने इसे यांग्कू जलविद्युत संयंत्र नाम दिया गया है जो अगले दो वर्षों में पूरा होने वाला है और कथित तौर पर हेनान प्रांत को बिजली प्रदान करेगा। इस बांध को लेकर जो खास बात बताई जा रही है वो यह कि इसे इंसान नहीं बल्कि रोबोट के जरिए तैयार किया जाएगा। चीन का दावा है कि, इस डैम के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले बुलडोजर, ट्रक, खोदने वाली मशीनें, पेवर्स और रोलर्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तकनीक से चलेंगे। इस बांध के जरिए बनने वाली बिजली से करीब 5 करोड़ से ज्यादा लोगों को बिजली मिलेगी।

गौरतलब हो कि, चीन ने बड़े जलविद्युत संयंत्रों के निर्माण पर ज्यादा ध्यान दे रहा है, जिसमें थ्री गोरजेस बांध सबसे बड़ा है जो कथित तौर पर पूर्व, मध्य और दक्षिण चीन के ग्वांगडोंग प्रांत को बिजली प्रदान करता है। वहीं, जिंशा जियांग नहीं पर जिलुओडु जलविद्युत स्टेशन एक और विशाल परियोजना है जिसे चीन ने शुरू किया था। यह बांध 2014 में चालू हो गया। इसे देश के लिए अक्षय ऊर्जा का प्रमुख स्रोत माना जाता है क्योंकि, चीन उत्सर्जन और कोयले पर निर्भरता को कम करना चाहता है।

वैज्ञानिक AI के माध्यम से बांधों की दक्षता का स्टडी कर रहे हैं, खास कर निगरानी के उद्देश्यों के लिए ताकि खतरे से भरे बांधों का पता लगाया जा सके, जिसमें तटबंधों की जांच करना और बांध पर भारी वर्षा के प्रभाव की भविष्यवाणी भी करना शामलि है। AI के जरिए दूर से ही बांध के रखरखाव और मर्म्मत को ट्रैक करने में मदद मिलती है।