चीन (China) ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) में एक ऐसा बदलाव किया है, जिसने पूरी दुनिया के डिफेंस एक्सपर्ट्स को हैरान कर दिया है। चीन ने PLA के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइलों के शक्तिशाली शस्त्रागार की देखरेख करने वाले रॉकेट फोर्स की टॉप लीडरशिप को बदल दिया है। इसके कारण रॉकेट फोर्स के आंतरिक कामकाज पर सवाल उठ रहे हैं। चीन की सरकारी एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सोमवार को वांग हुबिन को रॉकेट फोर्स के कमांडर और जू जिशेंग को फोर्स के राजनीतिक कमिश्नर के पद पर पदोन्नत किया। लेकिन इनका रॉकेट फोर्स में आना इसलिए भी खास है, क्योंकि दोनों ही इस खास मिलिट्री विंग के सदस्य नहीं थे।
रॉकेट फोर्स में यह बड़ा बदलाव तब हो रहा है जब कुछ दिनों पहले ही चीन ने अपने विदेश मंत्री किन गैंग को पद से हटाया है। चीन की ओर से होने वाला यह बदलाव तब और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, जब ताइवान को लेकर लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है। वॉशिंगटन के स्टिम्सन सेंटर थिंक टैंक में चीन कार्यक्रम के निदेशक युन सन इस बदलाव को काफी महत्वपूर्ण मानते हैं। उनका कहना है, ‘ताइवान पर अमेरिका के हस्तक्षेप के खिलाफ चीन लगातार अपने परमाणु शस्त्रागार को बढ़ाने में लगा है। ऐसे में यह बदलाव रॉकेट फोर्स को ताकतवर बनाने से जुड़ा है।’
China बढ़ा रहा परमाणु ताकत
चीन (China)के रॉकेट फोर्स की पारदर्शिता को लेकर दुनिया भर के एक्सपर्ट्स चिंतित हैं। चीन के परमाणु हथियारों को लेकर लगातार सवाल उठते रहते हैं। पिछले कुछ वर्षों में सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि चीन के रेगिस्तानों में सैकड़ों मिसाइल साइलो का निर्माण हो रहा है। अमेरिकी रक्षा विभाग अगले दशक में परमाणु हथियारों की संख्या में बढ़ोतरी की भविष्यवाणी कर चुका है। 2022 में अमेरिकी रक्षा विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक अगर चीन ऐसे ही अपने परमाणु हथियार बढ़ाता रहा तो उसके पास 2023 तक 1,500 परमाणु हथियार हो सकते हैं।