रूस पिछले 26 दिनों से लगातार यूक्रेन पर बम-गोले बरसा रहा है। जिसके चलते यूक्रेन में भारी तबाही मच गई है। लगभग हर एक क्षेत्र में गोलीबारी हो रही है और कई शहरों में रूसी सैनिकों का पूरी तरह से कब्जा है। इस जंग के शुरू होने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चीन के बीजिंग ओलंपिक में भाग लेने गए थे। जहां पर शी जिंगपिंग संग इस मुद्दे के साथ कई मुद्दों पर बातचीत हुई। अब एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें कहा गया है कि, चीन की इस वक्त बुरी नजर है वह रूस को देखते हुए ताइवान पर हमला करने की फिराक में है।
यूनिवर्सिटी ऑफ टोक्यो के ग्रैजुएट स्कूल ऑफ लॉ एंड पॉलिटिक्स की ओर से आयोजित सेमिनार में प्रोफेसर आकियो ताकाहारा ने कहा है कि, मैं समझता हूं कि चीन की ओर से यूक्रेन में चल रही जंग पर पैनी नजर रखी जा रही है। उदाहरण के तौर पर चीन यह जानना चाहता है कि इस युद्ध में कैसे हथियारों का इस्तेमाल हुआ और वह कितने कामयाब रहे। रूसी सेनाएं क्यों कामयाब नहीं हो रही हैं और यूक्रेनी सेनाएं कैसे बचाव कर पा रही हैं। इन सभी पक्षों पर चीनी सेना की नजर है। इसके अलावा रूस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों का भी आकलन चीन कर रहा है, जिन्हें पश्चिमी देशों ने लगाया है। इसके आगे उन्होंने कहा कि, मैं समझता हूं कि चीन की नीति ताइवान को लेकर यह होगी कि फोर्स का ज्यादा इस्तेमाल न किया जाए। उसकी बजाय वह शुन जू की आर्ट ऑफ वॉर की नीति के बारे में सोच रहा होगा। साफ है कि ताइवान के खिलाफ चीन की यह लड़ाई जारी रहेगी और वह सीधे युद्ध में उतरने से बचा होगा।
एक्सपर्ट का भी मानना है कि यूक्रेन और ताइवान में काफी समानताएं हैं। इसके अलावा दोनों के सामने खतरे भी एक समान हैं। एक ओर यूक्रेन के सामने रूस का खतरा है जो उसे अपना हिस्सा मानता है। इशी तरह ताइवान को भी सांस्कृतिक तौर पर चीन अपना हिस्सा मानता है। यही वजह है कि यूक्रेन पर हमले के साथ ही ताइवान को लेकर भी दुनिया चिंता में है।