चीन ऐसा अकेला देश है जिसने दुनिया भर के कई देशों के नाम में दम कर रखा है। खासकर वो देश जो इससे लगती सीमा साझा करते हैं। नेपाल में तो चीन काफी अंदर घुस गया है। ताइवान पर लगातार कब्जा करने की फिराक में है। समुद्र में भी यही हाल है। अब जो देश इससे सीमा साझा नहीं करते वो इसके कर्ज जाल में फंस रहे हैं। इस वक्त पाकिस्तान और श्रीलंका इसके उदाहरण हैं। श्रीलंका में जो हाल है वो चीन का ही दिया हुआ है और पाकिस्तान की तो राजनीति में इतना बड़ा भूचाल आया कि इमरान खान को प्रधानमंत्री की कुर्सी से हांथ धोना पड़ा। वहीं, चाइन लगातार ताइवान पर अपना दावा करता आ रहा है और पिछले कुछ समय से यहां घुसपैठ करने की कोशिश कर रहा है। अब एक बार फिर से चीन ने ताइवान के वायु रक्षा छेत्र में घुसपैठ की है।
एक बार फिर चीन के चार एयरक्राफ्ट ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में देखे गए हैं। स्थानीय मीडिया के मुताबिक, शुक्रवार को चीनी विमान शेनयांग जे-11 लड़ाकू जेट, शानक्सी वाई-8, सीएआईसी डब्ल्यूजेड-10 हेलीकॉप्टर व एमआई-17 कार्गो हेलीकॉप्टर को ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में देखा गया। ये सभी विमान ताइवान के दक्षिणी-पश्चिम सेक्टर में दिखाई दिए। इसके बाद ताइवान की ओर से चीनी विमानों को चेतावनी जारी की गई। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि, उसने अपने वायु रक्षा क्षेत्र की सुरक्षा के लिए मिसाइल डिफेंस सिस्टम तैनात किया है। ताइवान का कहना है कि, अप्रैल महीने में ही यह सातवीं बार है जब चीनी विमान ताइवान के वायु क्षेत्र में देखे गए हैं।
गौरतलब हो कि, चीन लंबे समय से ताइवान पर अपना दावा करता आया है। हालांकि, पिछले कुछ महीनों में ताइवान पर चीन ज्यादा आक्रामक हुआ है। कई बार चीनी विमान ताइवान के रक्षा क्षेत्र में घुसपैठ कर चुके हैं। इसके पीछे एक वजह अमेरिका भी है। अमेरिका का कहना है कि वह ताइवान की रक्षा करने के लिए प्रतिबंद्ध है। अमेरिका की यही बात चीन को चुभती है। इन दिनों तो अमेरिका के अधिकारी लगातार ताइवान का दौरा कर रहे हैं जिसके लेकर चीन का कहना है कि, अमेरिका अपने अधिकारियों को ताइवान दौरे रोके वरना देनों देशों का रिश्ता खराब हो सकता है।