चीन काफी लंबे समय से ताइवान को लेकर अपनी बुरी नजर गड़ाए बैठा है। ड्रैगन का कहना है कि, ताइवान उसका हिस्सा है और वो हर हाल में उसे ले कर रहेगा। इसी को लेकर अमेरिका के साथ उसकी तनातनी तेज होती जा रही है। क्योंकि, अमेरिका ने भी साफ तौर पर कहा है कि, अगर ताइवान पर चीन ने हमला किया तो मजबूर उसे ताइवान की रक्षा करनी होगी। इसके साथ ही पिछले साल से लगातार चीन ताइवान के हवाई क्षेत्रों में भारी मात्रा में फाइटर जेट्स भेजकर उसे धमकाने की कोशिश कर रहा है। इस बीच हाल के दिनों में अमेरिका के कई बड़े अधिकारी और नेता ताइवान का दौरा किए हैं। जिससे चीन चीढ़ा पड़ा है और उसका कहना है कि अमेरिका इसे और ज्यादा भड़का रहा है। वहीं, अब एक नई रिपोर्ट सामने आई है जिसमें बताया गया है कि, चीन ताइवान को एशिया का यूक्रेन बनाना चाहता है। इसके साथ ही ड्रैगन 140,000 सैनिकों के साथ हमले का प्लान कर रहा है।
एक लीक रिकॉर्डिंग में चीन के सैन्य अधिकारी ताइवान को कब्जाने की बात कर रहे हैं। इसके साथ ही वह यह भी कह रहे हैं कि वह ताइवान के लिए युद्ध शुरू करने से पीछे नहीं हटेंगे। दावा किया जा रहा है कि ये रिकॉर्डिंग देश के कुछ वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के बीच की बातचीत है। इसमें वह 140,000 सैनिकों के साथ ताइवान पर हमला करने की प्लानिंग कर रहे हैं। द सन की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में स्थित एक चीनी निर्वासित ने ऑडियो और गुप्त रूप से ली गई तस्वीर को प्रकाशित किया। उसकी ओर से कहा गया कि सेना के वरिष्ठ सदस्यों ने यह रिकॉर्डिंग लीक की है, क्यों वह इस बात को लेकर चिंतित हैं कि चीन की ताइवान के खिलाफ आक्रामकता शांति के लिए खतरा होगी। यह भी दावा किया गया है कि जिन सैन्य अधिकारियों ने ये रिकॉर्डिंग सार्वजनिक की है उनकी जान अब खतरे में है।
जो रिकॉर्डिंग सामने आई है उसमें, सिविलियन और मिलिट्री कमांड की संयुक्त बैठक है जो चीन के दक्षिणी शहर ग्वांगझू में हुई है। इस बैठक में ताइवान पर कब्जा करने की योजना बनाई गई। मीटिंग में एक वक्ता ने कहा, हम युद्ध शुरू करने, ताइवान की स्वतंत्रता और दुश्मनों की साजिश को कुचलने से पीछे नहीं हटेंगे। लुड मीडिया की ओर से ऑडियो जारी किया गया है लेकिन अभी तक इसकी स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हुई है। रिकॉर्डिंग के अनुसार चीन ताइवान पर हमला करने के लिए 953 जहाज और 1653 अलग-अलग ड्रोन शामिल करने की बात हो रही है। इसके अलावा 20 हवाई अड्डे और बंदरगाह, जहाजों के शिपबिल्डिंग यार्ड, 14 इमरजेंसी ट्रांसफर सेंटर, अनाज डिपो, हॉस्पिटल, ब्लड बैंक, तेल डिपो और पेट्रोल पंपों को भी युद्ध के लिए तैयार रखने की बात कही जा रही है।