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अरब सागर में ड्रैगन की नई साजिश का पर्दा फाश! चीनी नौसेना चुपचाप बना रही किले, भारत-US को खतरा

अरब सागर मे चीनी नौसेना

चीन (China) ने अपनी नौसेना को दुनिया की सबसे बड़ी नौसैनिक फौज बना ली है, उसने पिछले कुछ सालों में अपनी नौसेना की ताकत में कई गुना इजाफा किया है। दरअसल, चीन चाहता है कि वह पाकिस्तान, श्रीलंका और म्यांमार में अपने नौसैनिक अड्डे बनाए। सिर्फ इतना ही नहीं, वह इंडो-पैसिफिक रीजन में भी अपने नौसैनिक अड्डे बनाना चाहता है।  ऐसे में अब जब चीन पूरी तरह से दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना का विकास कर रहा है। इसका मकसद हिंद महासागर से होने वाले समुद्री व्यापार पर एकाधिकार करना और भारत-अमेरिका को चुनौती देना है। वर्तमान में भारत के सबसे नजदीक स्थित चीनी नौसैनिक अड्डा हैनान प्रांत के सान्या शहर के पास स्थित युलिन नेवल बेस है।

नौसैनिक युद्धपोत और पनडुब्बियां सीधे तो चल नहीं सकती हैं, ऐसे में उन्हें भारत की जलसीमा तक आने के लिए लगभग तीन गुनी दूरी तय करनी होती है। उसमें भी उनके दुनिया की नजरों में आने का खतरा होता है। ऐसे में प्रतिद्वंदी उतने समय में आक्रामक या रक्षात्मक उपाय कर सकता है। इसी दूरी को तय करने के लिए चीन ने अरब सागर के तीन तरफ तीन नौसैनिक अड्डों को स्थापित कर रहा है।

किन जगहों पर नौसैनिक अड्डा बना रहा चीन

अरब सागर के उत्तर में स्थित पाकिस्तान के ग्वादर में चीन नौसैनिक अड्डा तैयार कर रहा है। पश्चिम में जिबूती में चीन की नौसैनिक अड्डा पहले से ही ऑपरेशन है। अब चीन की नजर अरब सागर के दक्षिण में स्थित मॉरीशस में नौसैनिक अड्डा स्थापित करने पर है। मॉरीशस का भारत के साथ मजबूत संबंध हैं। ऐसे में हिंद महासागर के इस देश को अपनी जाल में फंसाने के लिए चीन चाल चलने में जुटा हुआ है। दरअसल, चीन का उद्देश्य मॉरीशस में नौसैनिक अड्डा बनाकर हिंद महासागर की घटनाओं पर नजर रखना है।

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चीनी नौसैनिक अड्डों से भारत को कैसा खतरा?

अरब सागर भारत की पश्चिमी सीमा से लगा हुआ है। ऐसे में चीन की कोशिश अपने सदाबहार दोस्त पाकिस्तान के साथ मिलकर इस समुद्री रास्ते पर नियंत्रण हासिल करना है। पाकिस्तान और चीन लगातार अरब सागर के इलाके में युद्धाभ्यास भी कर रहे हैं। इन नौसैनिक अड्डों के बनने के बाद से भारत की पश्चिमी और दक्षिणी सीमा पर स्थित नौसैनिक अड्डे चीन की नजर में होंगे।